《古兰经》译解 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 译解目录


含义的翻译 段: (21) 章: 鲁格玛尼
وَاِذَا قِیْلَ لَهُمُ اتَّبِعُوْا مَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ قَالُوْا بَلْ نَتَّبِعُ مَا وَجَدْنَا عَلَیْهِ اٰبَآءَنَا ؕ— اَوَلَوْ كَانَ الشَّیْطٰنُ یَدْعُوْهُمْ اِلٰی عَذَابِ السَّعِیْرِ ۟
और जब इन अल्लाह के एकेश्वरवाद के बारे में बहस करने वाले लोगों से कहा जाता है : अल्लाह ने अपने रसूल पर जो वह़्य (प्रकाशना) उतारी है, उसका अनुसरण करो, तो वे कहते हैं : हम उसका अनुसरण नहीं करेंगे। बल्कि हम तो उसका अनुसरण करेंगे, जिसपर हमने अपने पूर्वजों को पाया है कि वे हमारे देवताओं की पूजा करते थे। क्या वे अपने पूर्वजों का अनुसरण करेंगे, भले ही शैतान उन्हें (मूर्तियों की पूजा के द्वारा पथभ्रष्ट करके) क़ियामत के दिन भड़कती आग की यातना की ओर बुला रहा हो?!
阿拉伯语经注:
这业中每段经文的优越:
• نعم الله وسيلة لشكره والإيمان به، لا وسيلة للكفر به.
• अल्लाह की नेमतों उसका आभार प्रकट करने और उसपर ईमान लाने का साधन हैं, उसकी कृतघ्नता का साधन नहीं है।

• خطر التقليد الأعمى، وخاصة في أمور الاعتقاد.
• अंधे अनुकरण का खतरा, विशेष रूप से अक़ीदे (विश्वास) के मामलों में।

• أهمية الاستسلام لله والانقياد له وإحسان العمل من أجل مرضاته.
• अल्लाह के प्रति समर्पण करने, उसका आज्ञापालन करने और उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सत्कर्म करने का महत्व।

• عدم تناهي كلمات الله.
• अल्लाह के शब्दों का अनंत होना।

 
含义的翻译 段: (21) 章: 鲁格玛尼
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