Check out the new design

ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى - عزیزالحق العمری * - لیست ترجمه ها

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

ترجمهٔ معانی سوره: نجم   آیه:

अन्-नज्म

وَالنَّجْمِ اِذَا هَوٰی ۟ۙ
क़सम है तारे की जब वह गिरे!
تفسیرهای عربی:
مَا ضَلَّ صَاحِبُكُمْ وَمَا غَوٰی ۟ۚ
तुम्हारा साथी न तो रास्ते से भटका है और न ही गलत रास्ते पर चला है।
تفسیرهای عربی:
وَمَا یَنْطِقُ عَنِ الْهَوٰی ۟ؕۚ
और न वह अपनी इच्छा से बोलता है।
تفسیرهای عربی:
اِنْ هُوَ اِلَّا وَحْیٌ یُّوْحٰی ۟ۙ
वह तो केवल वह़्य है, जो उतारी जाती है।
تفسیرهای عربی:
عَلَّمَهٗ شَدِیْدُ الْقُوٰی ۟ۙ
उसे बहुत मज़ूबत शक्तियों वाले (फ़रिश्ते)[1] ने सिखाया है।
1. इससे अभिप्राय जिबरील (अलैहिस्सलाम) हैं, जो वह़्य लाते थे।
تفسیرهای عربی:
ذُوْ مِرَّةٍ ؕ— فَاسْتَوٰی ۟ۙ
जो बड़ा बलशाली है। फिर वह बुलंद हुआ (अपने असली रूप में प्रकट हुआ)।
تفسیرهای عربی:
وَهُوَ بِالْاُفُقِ الْاَعْلٰی ۟ؕ
जबकि वह आकाश के सबसे ऊँचे क्षितिज (पूर्वी किनारे) पर था।
تفسیرهای عربی:
ثُمَّ دَنَا فَتَدَلّٰی ۟ۙ
फिर वह निकट हुआ और उतर आया।
تفسیرهای عربی:
فَكَانَ قَابَ قَوْسَیْنِ اَوْ اَدْنٰی ۟ۚ
फिर वह दो धनुषों की दूरी पर था, या उससे भी निकट।
تفسیرهای عربی:
فَاَوْحٰۤی اِلٰی عَبْدِهٖ مَاۤ اَوْحٰی ۟ؕ
फिर उसने अल्लाह के बंदे[2] की ओर वह़्य की, जो भी वह़्य की।
2. अर्थात मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की ओर। इन आयतों में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के जिबरील (फरिश्ते) को उनके वास्तविक रूप में दो बार देखने का वर्णन है। आयशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) ने कहा : जो कहे कि मुह़म्मद (सल्लल्लहु अलैहि व सल्लम) ने अल्लाह को देखा है, तो वह झूठा है। और जो कहे कि आप कल (भविष्य) की बात जानते थे, तो वह झूठा है। तथा जो कहे कि आप ने धर्म की कुछ बातें छिपा लीं, तो वह झूठा है। किंतु आपने जिबरील (अलैहिस्सलाम) को उनके रूप में दो बार देखा। (बुख़ारी : 4855) इब्ने मसऊद ने कहा कि आपने जिबरील को देखा जिनके छह सौ पंख थे। (बुख़ारी : 4856)
تفسیرهای عربی:
مَا كَذَبَ الْفُؤَادُ مَا رَاٰی ۟
दिल ने झूठ नहीं बोला, जो कुछ उसने देखा।
تفسیرهای عربی:
اَفَتُمٰرُوْنَهٗ عَلٰی مَا یَرٰی ۟
फिर क्या तुम उससे उसपर झगड़ते हो, जो वह देखता है?
تفسیرهای عربی:
وَلَقَدْ رَاٰهُ نَزْلَةً اُخْرٰی ۟ۙ
हालाँकि, निश्चित रूप से उसने उसे एक और बार उतरते हुए भी देखा है।
تفسیرهای عربی:
عِنْدَ سِدْرَةِ الْمُنْتَهٰی ۟
सिदरतुल-मुनतहा'[3] के पास।
3. 'सिदरतुल मुनतहा', यह छठे या सातवें आकाश पर बैरी का एक वृक्ष है। जिस तक धरती की चीज़ पहुँचती है। तथा ऊपर की चीज़ उतरती है। (सह़ीह़ मुस्लिम : 173)
تفسیرهای عربی:
عِنْدَهَا جَنَّةُ الْمَاْوٰی ۟ؕ
उसी के पास 'जन्नतुल मावा' (शाश्वत स्वर्ग) है।
تفسیرهای عربی:
اِذْ یَغْشَی السِّدْرَةَ مَا یَغْشٰی ۟ۙ
जब सिदरा पर छा रहा था, जो कुछ छा रहा था।[4]
4. ह़दीस में है कि वह सोने के पतिंगे थे। (सह़ीह़ मुस्लिम : 173)
تفسیرهای عربی:
مَا زَاغَ الْبَصَرُ وَمَا طَغٰی ۟
न निगाह इधर-उधर हुई और न सीमा से आगे बढ़ी।
تفسیرهای عربی:
لَقَدْ رَاٰی مِنْ اٰیٰتِ رَبِّهِ الْكُبْرٰی ۟
निःसंदेह उसने अपने पालनहार की कुछ बहुत बड़ी निशानियाँ[5] देखीं।
5. इसमें मे'राज की रात आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के आकाशों में अल्लाह की निशानियाँ देखने का वर्णन है।
تفسیرهای عربی:
اَفَرَءَیْتُمُ اللّٰتَ وَالْعُزّٰی ۟ۙ
फिर क्या तुमने लात और उज़्ज़ा को देखा।
تفسیرهای عربی:
وَمَنٰوةَ الثَّالِثَةَ الْاُخْرٰی ۟
तथा तीसरी एक और (मूर्ति) मनात को?[6]
6. लात, उज़्ज़ा और मनात ये तीनों मक्का के मुश्रिकों की देवियों के नाम हैं। और अर्थ यह है कि क्या इनकी भी कोई वास्तविकता है?
تفسیرهای عربی:
اَلَكُمُ الذَّكَرُ وَلَهُ الْاُ ۟
क्या तुम्हारे लिए पुत्र हैं और उस (अल्लाह) के लिए पुत्रियाँ?
تفسیرهای عربی:
تِلْكَ اِذًا قِسْمَةٌ ضِیْزٰی ۟
तब तो यह बड़ा अन्यायपूर्ण बँटवारा है।
تفسیرهای عربی:
اِنْ هِیَ اِلَّاۤ اَسْمَآءٌ سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— اِنْ یَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَمَا تَهْوَی الْاَنْفُسُ ۚ— وَلَقَدْ جَآءَهُمْ مِّنْ رَّبِّهِمُ الْهُدٰی ۟ؕ
ये (मूर्तियाँ) कुछ नामों के सिवा कुछ भी नहीं हैं, जो तुमने तथा तुम्हारे बाप-दादा ने रख लिए हैं। अल्लाह ने इनका कोई प्रमाण नहीं उतारा है। ये लोग केवल अटकल[7] के और उन चीज़ों के पीछे चल रहे हैं जो उनके दिल चाहते हैं। जबकि निःसंदेह उनके पास उनके पालनहार की ओर से मार्गदर्शन आ चुका है।
7. मुश्रिक अपनी मूर्तियों को अल्लाह की पुत्रियाँ कहकर उनकी पूजा करते थे, जिसका यहाँ खंडन किया जा रहा है।
تفسیرهای عربی:
اَمْ لِلْاِنْسَانِ مَا تَمَنّٰی ۟ؗۖ
क्या मनुष्य को वह मिल जाएगा, जिसकी वह कामना करे?
تفسیرهای عربی:
فَلِلّٰهِ الْاٰخِرَةُ وَالْاُوْلٰی ۟۠
(नहीं, ऐसा नहीं है) क्योंकि आख़िरत और दुनिया अल्लाह ही के अधिकार में है।
تفسیرهای عربی:
وَكَمْ مِّنْ مَّلَكٍ فِی السَّمٰوٰتِ لَا تُغْنِیْ شَفَاعَتُهُمْ شَیْـًٔا اِلَّا مِنْ بَعْدِ اَنْ یَّاْذَنَ اللّٰهُ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَرْضٰی ۟
और आकाशों में कितने ही फ़रिश्ते हैं कि उनकी सिफ़ारिश कुछ लाभ नहीं देती, परंतु इसके पश्चात कि अल्लाह अनुमति दे जिसके लिए चाहे तथा (जिसे) पसंद करे।[8]
8. अरब के मुश्रिक यह समझते थे कि यदि हम फ़रिश्तों की पूजा करेंगे, तो वे अल्लाह से सिफ़ारिश करके हमें यातना से मुक्त करा देंगे। इसी का खंडन यहाँ किया जा रहा है।
تفسیرهای عربی:
 
ترجمهٔ معانی سوره: نجم
فهرست سوره ها شماره صفحه
 
ترجمهٔ معانی قرآن کریم - ترجمه‌ى هندى - عزیزالحق العمری - لیست ترجمه ها

ترجمه‌ى عزیزالحق العمری.

بستن