Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - Firo enndiiwo * - Tippudi firooji ɗii

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Firo maanaaji Simoore: Simoore Maryam   Aaya:

सूरा मर्यम

كٓهٰیٰعٓصٓ ۟
काफ़, हा, या, ऐन, स़ाद।
Faccirooji aarabeeji:
ذِكْرُ رَحْمَتِ رَبِّكَ عَبْدَهٗ زَكَرِیَّا ۟ۖۚ
(यह) आपके पालनहार की अपने बंदे ज़करिय्या पर दया की चर्चा है।
Faccirooji aarabeeji:
اِذْ نَادٰی رَبَّهٗ نِدَآءً خَفِیًّا ۟
जब उसने अपने पालनहार को गुप्त स्वर में पुकारा।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْ وَهَنَ الْعَظْمُ مِنِّیْ وَاشْتَعَلَ الرَّاْسُ شَیْبًا وَّلَمْ اَكُنْ بِدُعَآىِٕكَ رَبِّ شَقِیًّا ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निश्चय मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गईं और सिर बुढ़ापे से सफेद[1] हो गया, तथा ऐ मेरे पालनहार! मैं तुझे पुकारकर कभी असफल नहीं हुआ।
1. अर्थात पूरे बाल सफ़ेद हो गए।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِنِّیْ خِفْتُ الْمَوَالِیَ مِنْ وَّرَآءِیْ وَكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا فَهَبْ لِیْ مِنْ لَّدُنْكَ وَلِیًّا ۟ۙ
और निःसंदेह मैं अपने पीछे रिश्तेदारों से डरता हूँ, और मेरी पत्नी आरंभ से बाँझ है, अतः मुझे अपनी ओर से एक उत्तराधिकारी प्रदान कर दे।
Faccirooji aarabeeji:
یَّرِثُنِیْ وَیَرِثُ مِنْ اٰلِ یَعْقُوْبَ ۗ— وَاجْعَلْهُ رَبِّ رَضِیًّا ۟
जो मेरा उत्तराधिकारी हो तथा याक़ूब के वंश का उत्तराधिकारी[2] हो और ऐ मेरे पालनहार! उसे पसंदीदा बना दे।
2. अर्थात नबी हो। आदरणीय ज़करिय्या (अलैहिस्सलाम) याक़ूब (अलैहिस्सलाम) के वंश में थे।
Faccirooji aarabeeji:
یٰزَكَرِیَّاۤ اِنَّا نُبَشِّرُكَ بِغُلٰمِ ١سْمُهٗ یَحْیٰی ۙ— لَمْ نَجْعَلْ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ سَمِیًّا ۟
ऐ ज़करिय्या! निःसंदेह हम तुझे एक बालक की शुभ सूचना देते हैं, जिसका नाम यह़्या है। हमने इससे पहले उसका कोई समनाम नहीं बनाया।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ رَبِّ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّكَانَتِ امْرَاَتِیْ عَاقِرًا وَّقَدْ بَلَغْتُ مِنَ الْكِبَرِ عِتِیًّا ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे यहाँ बालक कैसे होगा, जबकि मेरी पत्नी शुरू से बाँझ है और मैं बुढ़ापे की अंतिम सीमा को पहुँच गया हूँ।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ كَذٰلِكَ ۚ— قَالَ رَبُّكَ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ وَّقَدْ خَلَقْتُكَ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ تَكُ شَیْـًٔا ۟
उसने कहा : ऐसा ही है, तेरे पालनहार ने कहा है : यह मेरे लिए सरल है, और निश्चय मैंने तुझे इससे पहले पैदा किया, जबकि तू कुछ भी नहीं था।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّیْۤ اٰیَةً ؕ— قَالَ اٰیَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَ لَیَالٍ سَوِیًّا ۟
उस (ज़करिय्या) ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए कोई निशानी निर्धारित कर दे। (अल्लाह ने) फरमाया : तेरी निशानी यह है कि तू स्वस्थ होते हुए लोगों से तीन रातों तक बात नहीं करेगा।[3]
3. रात से अभिप्राय दिन तथा रात दोनों ही हैं। अर्थात जब बिना किसी रोग के लोगों से बात नहीं कर सकोगे तो यह शुभ सूचना की निशानी होगी।
Faccirooji aarabeeji:
فَخَرَجَ عَلٰی قَوْمِهٖ مِنَ الْمِحْرَابِ فَاَوْحٰۤی اِلَیْهِمْ اَنْ سَبِّحُوْا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
फिर वह उपासना-गृह से निकलकर अपनी जाति के पास आया और उन्हें संकेत द्वारा आदेश दिया कि सुबह और शाम (अल्लाह की) पवित्रता का वर्णन करो।
Faccirooji aarabeeji:
یٰیَحْیٰی خُذِ الْكِتٰبَ بِقُوَّةٍ ؕ— وَاٰتَیْنٰهُ الْحُكْمَ صَبِیًّا ۟ۙ
ऐ यह़्या[4]! इस पुस्तक (तौरात) को मज़बूती से थाम लो। और हमने उसे बचपन ही में निर्णय-शक्ति प्रदान की।
4. अर्थात जब यह़्या का जन्म हो गया और कुछ बड़े हुए, तो अल्लाह ने उन्हें तौरात का ज्ञान दिया।
Faccirooji aarabeeji:
وَّحَنَانًا مِّنْ لَّدُنَّا وَزَكٰوةً ؕ— وَكَانَ تَقِیًّا ۟ۙ
तथा अपनी ओर से दया तथा पवित्रता (प्रदान की) और वह बड़ा संयमी (परहेज़गार) था।
Faccirooji aarabeeji:
وَّبَرًّا بِوَالِدَیْهِ وَلَمْ یَكُنْ جَبَّارًا عَصِیًّا ۟
तथा अपने माता-पिता के साथ सुशील था। तथा वह क्रूर और अवज्ञाकारी नहीं था।
Faccirooji aarabeeji:
وَسَلٰمٌ عَلَیْهِ یَوْمَ وُلِدَ وَیَوْمَ یَمُوْتُ وَیَوْمَ یُبْعَثُ حَیًّا ۟۠
और उसपर सलामती हो जिस दिन वह पैदा हुआ और जिस दिन वह मरेगा और जिस दिन वह जीवित करके उठाया जाएगा।
Faccirooji aarabeeji:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ مَرْیَمَ ۘ— اِذِ انْتَبَذَتْ مِنْ اَهْلِهَا مَكَانًا شَرْقِیًّا ۟ۙ
तथा इस किताब में मरयम[5] की चर्चा करें, जब वह अपने घरवालों से एक स्थान पर अलग हो गईं जो (उनसे) पूरब की ओर था।
5. मरयम आदरणीय इमरान की पुत्री, दाऊद अलैहिस्सलाम के वंश से थीं। उनके जन्म के विषय में सूरत आले इमरान देखिए।
Faccirooji aarabeeji:
فَاتَّخَذَتْ مِنْ دُوْنِهِمْ حِجَابًا ۫— فَاَرْسَلْنَاۤ اِلَیْهَا رُوْحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرًا سَوِیًّا ۟
फिर उसने उनकी ओर से एक परदा बना लिया, तो हमने उसकी ओर अपनी रूह़ (विशेष फ़रिश्ता)[6] को भेजा, तो उसने उसके लिए एक पूरे मनुष्य का रूप धारण कर लिया।
6. इससे अभिप्रेत फ़रिश्ता जिबरील (अलैहिस्सलाम) हैं।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَتْ اِنِّیْۤ اَعُوْذُ بِالرَّحْمٰنِ مِنْكَ اِنْ كُنْتَ تَقِیًّا ۟
उसने कहा : निःसंदेह मैं तुझसे रहमान (परम दयावान्) की शरण माँगती हूँ, यदि तू डर रखने वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ اِنَّمَاۤ اَنَا رَسُوْلُ رَبِّكِ ۖۗ— لِاَهَبَ لَكِ غُلٰمًا زَكِیًّا ۟
उसने कहा : मैं तेरे पालनहार का भेजा हुआ हूँ, ताकि तुझे एक पवित्र लड़का प्रदान करूँ।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَتْ اَنّٰی یَكُوْنُ لِیْ غُلٰمٌ وَّلَمْ یَمْسَسْنِیْ بَشَرٌ وَّلَمْ اَكُ بَغِیًّا ۟
वह बोली : मुझे लड़का कैसे हो सकता है, जबकि किसी पुरुष ने मुझे छुआ तक नहीं है और न मैं कभी व्यभिचारिणी थी।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ كَذٰلِكِ ۚ— قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَیَّ هَیِّنٌ ۚ— وَلِنَجْعَلَهٗۤ اٰیَةً لِّلنَّاسِ وَرَحْمَةً مِّنَّا ۚ— وَكَانَ اَمْرًا مَّقْضِیًّا ۟
उसने कहा : ऐसा ही है, तेरे पालनहार ने कहा है कि यह मेरे लिए आसान है और ताकि हम इसे लोगों के लिए एक निशानी[7] और अपनी ओर से रहमत बनाएँ और यह एक पूर्वनियत कार्य है।
7. अर्थात अपने सामर्थ्य की निशानी, कि हम नर-नारी के योग के बिना भी स्त्री के गर्भ से शिशु की उत्पत्ति कर सकते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَحَمَلَتْهُ فَانْتَبَذَتْ بِهٖ مَكَانًا قَصِیًّا ۟
फिर वह उस (लड़के) के साथ गर्भवती हो गई, तो उसे लेकर एक दूर स्थान पर अलग चली गई।
Faccirooji aarabeeji:
فَاَجَآءَهَا الْمَخَاضُ اِلٰی جِذْعِ النَّخْلَةِ ۚ— قَالَتْ یٰلَیْتَنِیْ مِتُّ قَبْلَ هٰذَا وَكُنْتُ نَسْیًا مَّنْسِیًّا ۟
फिर प्रसव पीड़ा उसे खजूर के एक तने के पास ले लाई, कहने लगी : ऐ काश! मैं इससे पहले मर जाती और भूली-बिसरी होती।
Faccirooji aarabeeji:
فَنَادٰىهَا مِنْ تَحْتِهَاۤ اَلَّا تَحْزَنِیْ قَدْ جَعَلَ رَبُّكِ تَحْتَكِ سَرِیًّا ۟
तो उसने उसके नीचे से पुकारा[8] कि शोकाकुल न हो, तेरे पालनहार ने तेरे नीचे[9] एक नदी (प्रवाह) कर दी है।
8. अर्थात जिबरील फ़रिश्ते ने घाटी के नीचे से आवाज़ दी। दूसरा कथन है कि ईसा अलैहिस्सलाम ने नीचे से आवाज़ दी। 9. अर्थात मरयम के चरणों के नीचे।
Faccirooji aarabeeji:
وَهُزِّیْۤ اِلَیْكِ بِجِذْعِ النَّخْلَةِ تُسٰقِطْ عَلَیْكِ رُطَبًا جَنِیًّا ۟ؗ
और खजूर के तने को अपनी ओर हिला, वह तुझपर ताज़ा पकी हुई खजूरें गिराएगा।[10]
10. अल्लाह ने अस्वाभाविक रूप से आदरणीय मरयम के लिए, खाने-पीने की व्यवस्था कर दी।
Faccirooji aarabeeji:
فَكُلِیْ وَاشْرَبِیْ وَقَرِّیْ عَیْنًا ۚ— فَاِمَّا تَرَیِنَّ مِنَ الْبَشَرِ اَحَدًا ۙ— فَقُوْلِیْۤ اِنِّیْ نَذَرْتُ لِلرَّحْمٰنِ صَوْمًا فَلَنْ اُكَلِّمَ الْیَوْمَ اِنْسِیًّا ۟ۚ
अतः खा और पी और आँख ठंडी कर। फिर यदि तू किसी आदमी को देखे, तो कह दे : मैंने तो रहमान के लिए रोज़े की मन्नत मानी है। अतः आज मैं कदापि किसी मनुष्य से बात नहीं करूँगी।
Faccirooji aarabeeji:
فَاَتَتْ بِهٖ قَوْمَهَا تَحْمِلُهٗ ؕ— قَالُوْا یٰمَرْیَمُ لَقَدْ جِئْتِ شَیْـًٔا فَرِیًّا ۟
फिर वह उसे उठाए हुए अपनी जाति के पास ले आई, उन्होंने कहा : ऐ मरयम! तूने बहुत बुरा काम किया है।
Faccirooji aarabeeji:
یٰۤاُخْتَ هٰرُوْنَ مَا كَانَ اَبُوْكِ امْرَاَ سَوْءٍ وَّمَا كَانَتْ اُمُّكِ بَغِیًّا ۟ۖۚ
ऐ हारून की बहन! न तेरा पिता कोई बुरा व्यक्ति था और न तेरी माँ कोई व्यभिचारिणी थी।
Faccirooji aarabeeji:
فَاَشَارَتْ اِلَیْهِ ۫ؕ— قَالُوْا كَیْفَ نُكَلِّمُ مَنْ كَانَ فِی الْمَهْدِ صَبِیًّا ۟
तो उसने उस (शिशु) की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा : हम उससे कैसे बात करें, जो अभी तक गोद में बच्चा है?
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ اِنِّیْ عَبْدُ اللّٰهِ ۫ؕ— اٰتٰىنِیَ الْكِتٰبَ وَجَعَلَنِیْ نَبِیًّا ۟ۙ
वह (शिशु) बोल पड़ा : निःसंदेह मैं अल्लाह का बंदा हूँ। उसने मुझे पुस्तक (इन्जील) प्रदान की तथा मुझे नबी बनाया है।[11]
11. अर्थात मुझे पुस्तक प्रदान करने और नबी बनाने का निर्णय कर दिया है।
Faccirooji aarabeeji:
وَّجَعَلَنِیْ مُبٰرَكًا اَیْنَ مَا كُنْتُ ۪— وَاَوْصٰنِیْ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ مَا دُمْتُ حَیًّا ۟ۙ
तथा मुझे बरकत वाला बनाया है, जहाँ भी मैं रहूँ और मुझे नमाज़ तथा ज़कात का आदेश दिया है, जब तक मैं जीवित रहूँ।
Faccirooji aarabeeji:
وَّبَرًّا بِوَالِدَتِیْ ؗ— وَلَمْ یَجْعَلْنِیْ جَبَّارًا شَقِیًّا ۟
तथा आपनी माँ के साथ अच्छा व्यवहार करने वाला (बनाया) और उसने मुझे क्रूर तथा अभागा[12] नहीं बनाया।
12. इसमें यह संकेत है कि माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करना क्रूरता तथा दुर्भाग्य है।
Faccirooji aarabeeji:
وَالسَّلٰمُ عَلَیَّ یَوْمَ وُلِدْتُّ وَیَوْمَ اَمُوْتُ وَیَوْمَ اُبْعَثُ حَیًّا ۟
तथा सलामती है मुझपर, जिस दिन मैं पैदा हुआ और जिस दिन मैं मरूँगा और जिस दिन मैं जीवित करके उठाया जाऊँगा।
Faccirooji aarabeeji:
ذٰلِكَ عِیْسَی ابْنُ مَرْیَمَ ۚ— قَوْلَ الْحَقِّ الَّذِیْ فِیْهِ یَمْتَرُوْنَ ۟
यह है ईसा बिन मरयम। यही सत्य बात है, जिसमें वे संदेह कर रहे हैं।
Faccirooji aarabeeji:
مَا كَانَ لِلّٰهِ اَنْ یَّتَّخِذَ مِنْ وَّلَدٍ ۙ— سُبْحٰنَهٗ ؕ— اِذَا قَضٰۤی اَمْرًا فَاِنَّمَا یَقُوْلُ لَهٗ كُنْ فَیَكُوْنُ ۟ؕ
अल्लाह के योग्य नहीं है कि वह कोई संतान बनाए। वह पवित्र है! जब वह किसी कार्य का निर्णय करता है, तो उससे केवल यह कहता है कि "हो जा", तो वह हो जाता है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِنَّ اللّٰهَ رَبِّیْ وَرَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— هٰذَا صِرَاطٌ مُّسْتَقِیْمٌ ۟
और निःसंदेह अल्लाह ही मेरा पालनहार और तुम्हारा पालनहार है, अतः उसी की इबादत करो, यही सीधा रास्ता है।
Faccirooji aarabeeji:
فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْ بَیْنِهِمْ ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ مَّشْهَدِ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
फिर इन गिरोहों[13] ने आपस में मतभेद कर लिया, तो उन लोगों के लिए जिन्होंने कुफ़्र किया, एक बड़े दिन की उपस्थिति के कारण बड़ा विनाश है।
13. अर्थात अह्ले किताब के गिरोहों ने ईसा अलैहिस्सलाम की वास्तविकता जानने के पश्चात् उनके विषय में मतभेद किया। यहूदियों ने उसे जादूगर तथा वर्णसंकर (व्यभिचार से उत्पन्न व्यक्ति) कहा। और ईसाइयों के एक गिरोह ने कहा कि वह स्वयं अल्लाह है। दूसरे ने कहा : वह अल्लाह का पुत्र है। और उनके तीसरे कैथुलिक गिरोह ने कहा कि वह तीन में का तीसरा है। बड़े दिन से अभिप्राय प्रलय का दिन है।
Faccirooji aarabeeji:
اَسْمِعْ بِهِمْ وَاَبْصِرْ ۙ— یَوْمَ یَاْتُوْنَنَا لٰكِنِ الظّٰلِمُوْنَ الْیَوْمَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
वे कितने सुनने वाले होंगे और कितने देखने वाले होंगे! जिस दिन वे हमारे पास आएँगे, किंतु अत्याचारी लोग आज खुली गुमराही में हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَاَنْذِرْهُمْ یَوْمَ الْحَسْرَةِ اِذْ قُضِیَ الْاَمْرُ ۘ— وَهُمْ فِیْ غَفْلَةٍ وَّهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
और (ऐ नबी!) आप उन्हें पछतावे के दिन से डराएँ, जब हर काम का फैसला[14] कर दिया जाएगा, और वे पूरी तरह से ग़फ़लत में हैं और वे ईमान नहीं लाते।
14. अर्थात प्रत्येक के कर्मानुसार उसके लिए नरक अथवा स्वर्ग का निर्णय कर दिया जाएगा। फिर मौत को एक भेड़ के रूप में वध कर दिया जाएगा। तथा घोषणा कर दी जाएगी कि ऐ स्वर्गियो! तुम्हें सदा रहना है, और अब मौत नहीं है। और हे नारकियो! तुम्हें सदा नरक में रहना है, अब मौत नहीं है। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4730)
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّا نَحْنُ نَرِثُ الْاَرْضَ وَمَنْ عَلَیْهَا وَاِلَیْنَا یُرْجَعُوْنَ ۟۠
निःसंदेह हम ही धरती के उत्तराधिकारी होंगे और उनके भी जो उसपर हैं और वे हमारी ही ओर लौटाए जाएँगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِبْرٰهِیْمَ ؕ۬— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟
तथा इस किताब में इबराहीम की चर्चा करें, निःसंदेह वह बहुत सच्चा (और) नबी था।
Faccirooji aarabeeji:
اِذْ قَالَ لِاَبِیْهِ یٰۤاَبَتِ لِمَ تَعْبُدُ مَا لَا یَسْمَعُ وَلَا یُبْصِرُ وَلَا یُغْنِیْ عَنْكَ شَیْـًٔا ۟
जब उसने अपने पिता से कहा : ऐ मेरे पिता! आप उस चीज़ को क्यों पूजते हैं, जो न सुनती है और न देखती है और न आपके किसी काम आती है?
Faccirooji aarabeeji:
یٰۤاَبَتِ اِنِّیْ قَدْ جَآءَنِیْ مِنَ الْعِلْمِ مَا لَمْ یَاْتِكَ فَاتَّبِعْنِیْۤ اَهْدِكَ صِرَاطًا سَوِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! निःसंदेह मेरे पास वह ज्ञान आया है, जो आपके पास नहीं आया, अतः आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपको सीधा मार्ग दिखाऊँगा।
Faccirooji aarabeeji:
یٰۤاَبَتِ لَا تَعْبُدِ الشَّیْطٰنَ ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ كَانَ لِلرَّحْمٰنِ عَصِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! शैतान की पूजा न करें। निःसंदेह शैतान हमेशा से रहमान (परम दयालु अल्लाह) का अवज्ञाकारी है।
Faccirooji aarabeeji:
یٰۤاَبَتِ اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یَّمَسَّكَ عَذَابٌ مِّنَ الرَّحْمٰنِ فَتَكُوْنَ لِلشَّیْطٰنِ وَلِیًّا ۟
ऐ मेरे पिता! वास्तव में, मुझे डर है कि आपको रहमान (परम दयालु) की ओर से कोई यातना आ लगे, फिर आप शैतान के मित्र हो जाएँगे।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ اَرَاغِبٌ اَنْتَ عَنْ اٰلِهَتِیْ یٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۚ— لَىِٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ لَاَرْجُمَنَّكَ وَاهْجُرْنِیْ مَلِیًّا ۟
उसने कहा : क्या तू हमारे पूज्यों से विमुख हो रहा है, ऐ इबराहीम!? निश्चय यदि तू बाज़ न आया, तो मैं अवश्य ही तुझे संगसार कर दूँगा और तू लंबे समय के लिए मुझसे अलग हो जा।
Faccirooji aarabeeji:
قَالَ سَلٰمٌ عَلَیْكَ ۚ— سَاَسْتَغْفِرُ لَكَ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ بِیْ حَفِیًّا ۟
(इबराहीम ने) कहा : आपपर सलाम हो! मैं अपने पालनहार से आपके लिए अवश्य क्षमा की प्रार्थना करूँगा। निःसंदेह वह हमेशा से मुझपर बहुत दयालु है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاَعْتَزِلُكُمْ وَمَا تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَاَدْعُوْا رَبِّیْ ۖؗ— عَسٰۤی اَلَّاۤ اَكُوْنَ بِدُعَآءِ رَبِّیْ شَقِیًّا ۟
तथा मैं आप लोगों से और उन चीज़ों से जिन्हें आप लोग अल्लाह के सिवा पुकारते हैं, किनारा करता हूँ और अपने पालनहार को पुकारता हूँ। आशा है कि मैं अपने रब को पुकारकर असफल नहीं रहूँगा।
Faccirooji aarabeeji:
فَلَمَّا اعْتَزَلَهُمْ وَمَا یَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۙ— وَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— وَكُلًّا جَعَلْنَا نَبِیًّا ۟
फिर जब वह उनसे और उन चीज़ों से जिनकी वे अल्लाह के सिवा पूजा करते थे, अलग हो गया, तो हमने उसे इसहाक़ और याक़ूब प्रदान किए और हर एक को हमने नबी बनाया।
Faccirooji aarabeeji:
وَوَهَبْنَا لَهُمْ مِّنْ رَّحْمَتِنَا وَجَعَلْنَا لَهُمْ لِسَانَ صِدْقٍ عَلِیًّا ۟۠
तथा हमने उन्हें अपनी रहमत से हिस्सा दिया और उन्हें बहुत ऊँची, सच्ची ख्याति प्रदान की।
Faccirooji aarabeeji:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ مُوْسٰۤی ؗ— اِنَّهٗ كَانَ مُخْلَصًا وَّكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟
और आप इस पुस्तक में मूसा की चर्चा करें। निश्चय वह चुना हुआ था तथा रसूल एवं नबी था।
Faccirooji aarabeeji:
وَنَادَیْنٰهُ مِنْ جَانِبِ الطُّوْرِ الْاَیْمَنِ وَقَرَّبْنٰهُ نَجِیًّا ۟
और हमने उसे पहाड़ की दाहिनी ओर से पुकारा तथा सरगोशी करते हुए उसे समीप कर लिया।
Faccirooji aarabeeji:
وَوَهَبْنَا لَهٗ مِنْ رَّحْمَتِنَاۤ اَخَاهُ هٰرُوْنَ نَبِیًّا ۟
और हमने उसे अपनी दया से उसके भाई हारून को नबी बनाकर प्रदान किया।
Faccirooji aarabeeji:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِسْمٰعِیْلَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صَادِقَ الْوَعْدِ وَكَانَ رَسُوْلًا نَّبِیًّا ۟ۚ
तथा इस किताब में इसमाईल[15] की चर्चा करें। निश्चय वह वादे का सच्चा तथा रसूल एवं नबी था।
15. आप इबराहीम अलैहिस्सलाम के बड़े पुत्र थे, इन्हीं से अरबों का वंश चला और आप ही के वंश से अंतिम नबी मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) नबी बनाकर भेजे गए।
Faccirooji aarabeeji:
وَكَانَ یَاْمُرُ اَهْلَهٗ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِ ۪— وَكَانَ عِنْدَ رَبِّهٖ مَرْضِیًّا ۟
और वह अपने घरवालों को नमाज़ और ज़कात का आदेश देता था और वह अपने पालनहार के निकट पसंदीदा था।
Faccirooji aarabeeji:
وَاذْكُرْ فِی الْكِتٰبِ اِدْرِیْسَ ؗ— اِنَّهٗ كَانَ صِدِّیْقًا نَّبِیًّا ۟ۗۙ
तथा इस किताब में इदरीस की चर्चा करें। निःसंदेह वह बड़ा सत्यवादी और नबी था।
Faccirooji aarabeeji:
وَّرَفَعْنٰهُ مَكَانًا عَلِیًّا ۟
तथा हमने उसे बहुत ऊँचे स्थान पर उठाया।
Faccirooji aarabeeji:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ اَنْعَمَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ مِّنَ النَّبِیّٖنَ مِنْ ذُرِّیَّةِ اٰدَمَ ۗ— وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍ ؗ— وَّمِنْ ذُرِّیَّةِ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْرَآءِیْلَ ؗ— وَمِمَّنْ هَدَیْنَا وَاجْتَبَیْنَا ؕ— اِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُ الرَّحْمٰنِ خَرُّوْا سُجَّدًا وَّبُكِیًّا ۟
ये वे लोग हैं, जिनपर अल्लाह ने अनुग्रह किया नबियों में से, आदम की संतान में से तथा उन लोगों में से जिन्हें हमने नूह़ के साथ सवार किया तथा इबराहीम और इसराईल की संतान में से तथा उन लोगों में से जिन्हें हमने मार्गदर्शन प्रदान किया और चुन लिया। जब उनपर रहमान की आयतें पढ़ी जाती थीं, तो वे सजदा करते और रोते हुए गिर जाते थे।
Faccirooji aarabeeji:
فَخَلَفَ مِنْ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ اَضَاعُوا الصَّلٰوةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَوٰتِ فَسَوْفَ یَلْقَوْنَ غَیًّا ۟ۙ
फिर उनके बाद उनके स्थान पर ऐसे अयोग्य उत्तराधिकारी आए, जिन्होंने नमाज़ की उपेक्षा की और अपनी इच्छाओं का पालन किया, तो वे जल्द ही पथभ्रष्टता का सामना करेंगे।
Faccirooji aarabeeji:
اِلَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَاُولٰٓىِٕكَ یَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ وَلَا یُظْلَمُوْنَ شَیْـًٔا ۟ۙ
परंतु जिसने तौबा कर ली और ईमान लाया और अच्छे कर्म किए, तो ये लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और उनपर कुछ भी अत्याचार नहीं किया जाएगा।
Faccirooji aarabeeji:
جَنّٰتِ عَدْنِ ١لَّتِیْ وَعَدَ الرَّحْمٰنُ عِبَادَهٗ بِالْغَیْبِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ وَعْدُهٗ مَاْتِیًّا ۟
सदा निवास के बाग़ो में, जिनका रहमान ने अपने बंदों से (उनके) बिन देखे वादा किया है। निःसंदेह उसका वादा पूरा होकर रहने वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
لَا یَسْمَعُوْنَ فِیْهَا لَغْوًا اِلَّا سَلٰمًا ؕ— وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِیْهَا بُكْرَةً وَّعَشِیًّا ۟
वे उसमें 'सलाम' के सिवा कोई व्यर्थ बात नहीं सुनेंगे, तथा उनके लिए उसमें सुबह और शाम उनकी जीविका होगी।
Faccirooji aarabeeji:
تِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِیْ نُوْرِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَنْ كَانَ تَقِیًّا ۟
यह है वह जन्नत, जिसका वारिस हम अपने बंदों में से उसे बनाते हैं, जो परहेज़गार हो।
Faccirooji aarabeeji:
وَمَا نَتَنَزَّلُ اِلَّا بِاَمْرِ رَبِّكَ ۚ— لَهٗ مَا بَیْنَ اَیْدِیْنَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَیْنَ ذٰلِكَ ۚ— وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِیًّا ۟ۚ
और हम[16] नहीं उतरते, परंतु आपके पालनहार के आदेश से, उसी का है जो हमारे आगे है तथा जो हमारे पीछे है और जो इसके बीच है और आपका पालनहार कभी भूलने वाला नहीं है।
16. ह़दीस के अनुसार एक बार नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने (फ़रिश्ते) जिबरील से कहा कि क्या चीज़ आपको रोक रही है कि आप मुझसे और अधिक मिला करें। इसी पर यह आयत अवतरित हुई। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4731)
Faccirooji aarabeeji:
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا فَاعْبُدْهُ وَاصْطَبِرْ لِعِبَادَتِهٖ ؕ— هَلْ تَعْلَمُ لَهٗ سَمِیًّا ۟۠
जो आकाशों और धरती का और उन दोनों के बीच की चीज़ों का पालनहार है। अतः उसी की इबादत करें तथा उसकी इबादत पर पर दृढ़ रहें। क्या आप उसका समकक्ष किसी को जानते हैं?
Faccirooji aarabeeji:
وَیَقُوْلُ الْاِنْسَانُ ءَاِذَا مَا مِتُّ لَسَوْفَ اُخْرَجُ حَیًّا ۟
तथा मनुष्य कहता है : जब मैं मर गया, तो क्या मैं सचमुच फिर जीवित करके निकाला जाऊँगा?
Faccirooji aarabeeji:
اَوَلَا یَذْكُرُ الْاِنْسَانُ اَنَّا خَلَقْنٰهُ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ یَكُ شَیْـًٔا ۟
और क्या मनुष्य याद नहीं करता कि निःसंदेह हम ही ने उसे इससे पूर्व पैदा किया, जबकि वह कुछ भी नहीं था?
Faccirooji aarabeeji:
فَوَرَبِّكَ لَنَحْشُرَنَّهُمْ وَالشَّیٰطِیْنَ ثُمَّ لَنُحْضِرَنَّهُمْ حَوْلَ جَهَنَّمَ جِثِیًّا ۟ۚ
तो क़सम है आपके पालनहार की! निःसंदेह हम उन्हें और शैतानों को ज़रूर इकट्ठा करेंगे, फिर निःसंदेह हम उन्हें जहन्नम के आसपास घुटनों के बल गिरे हुए ज़रूर उपस्थित करेंगे।
Faccirooji aarabeeji:
ثُمَّ لَنَنْزِعَنَّ مِنْ كُلِّ شِیْعَةٍ اَیُّهُمْ اَشَدُّ عَلَی الرَّحْمٰنِ عِتِیًّا ۟ۚ
फिर निश्चय ही हम प्रत्येक गिरोह में से उस व्यक्ति को अवश्य निकालेंगे, जो रहमान (परम दयावान) के प्रति सबसे बढ़कर सरकश है।
Faccirooji aarabeeji:
ثُمَّ لَنَحْنُ اَعْلَمُ بِالَّذِیْنَ هُمْ اَوْلٰی بِهَا صِلِیًّا ۟
फिर, निश्चित रूप से, हम उन लोगों को अधिक जानने वाले हैं, जो इसमें झोंके जाने के अधिक योग्य हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِنْ مِّنْكُمْ اِلَّا وَارِدُهَا ۚ— كَانَ عَلٰی رَبِّكَ حَتْمًا مَّقْضِیًّا ۟ۚ
और तुममें से जो भी है, उस पर से गुज़रने वाला[17] है। यह एक पूर्वनिर्धारित निर्णय है जिसे पूरा करना आपके पालनहार के ज़िम्मे है।
17. अर्थात नरक से जिस पर एक पुल बनाया जाएगा। उस पर से सभी ईमान वालों और काफ़िरों को अवश्य गुज़रना होगा। यह और बात है कि ईमान वालों को इससे कोई हानि न पहुँचे। इसकी व्याख्या सह़ीह़ ह़दीसों में वर्णित है।
Faccirooji aarabeeji:
ثُمَّ نُنَجِّی الَّذِیْنَ اتَّقَوْا وَّنَذَرُ الظّٰلِمِیْنَ فِیْهَا جِثِیًّا ۟
फिर हम डरने वालों को बचा लेंगे तथा अत्याचारियों को उसमें मुँह के बल गिरे हुए छोड़ देंगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیٰتُنَا بَیِّنٰتٍ قَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا ۙ— اَیُّ الْفَرِیْقَیْنِ خَیْرٌ مَّقَامًا وَّاَحْسَنُ نَدِیًّا ۟
तथा जब उनके समक्ष हमारी स्पष्ट आयतें पढ़ी जाती हैं, तो काफ़िर लोग ईमान लाने वालों से कहते हैं कि दोनों गिरोहों में से किसकी स्थिति बेहतर और सभा की दृष्टि से कौन अधिक अच्छा है?
Faccirooji aarabeeji:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ هُمْ اَحْسَنُ اَثَاثًا وَّرِﺋْﻴًﺎ ۟
और हम इनसे पहले कितनी ही जातियों को नष्ट कर चुके हैं, जो जीवन-साधन और शक्ल-सूरत (वेशभूषा) में कहीं अधिक अच्छी थीं।
Faccirooji aarabeeji:
قُلْ مَنْ كَانَ فِی الضَّلٰلَةِ فَلْیَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمٰنُ مَدًّا ۚ۬— حَتّٰۤی اِذَا رَاَوْا مَا یُوْعَدُوْنَ اِمَّا الْعَذَابَ وَاِمَّا السَّاعَةَ ؕ۬— فَسَیَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضْعَفُ جُنْدًا ۟
(हे नबी!) आप कह दें कि जो व्यक्ति गुमराही में पड़ा हुआ है, तो रहमान उसे एक अवधि तक मोहलत देता है। यहाँ तक कि जब वे उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है; या तो यातना और या क़ियामत, तो वे अवश्य जान लेंगे कि कौन स्थिति में अधिक बुरा और जत्थे की दृष्टि से अधिक कमज़ोर है।
Faccirooji aarabeeji:
وَیَزِیْدُ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اهْتَدَوْا هُدًی ؕ— وَالْبٰقِیٰتُ الصّٰلِحٰتُ خَیْرٌ عِنْدَ رَبِّكَ ثَوَابًا وَّخَیْرٌ مَّرَدًّا ۟
और अल्लाह हिदायत पाने वालों को हिदायत में आधिक कर देता है और शेष रहने वाली नेकियाँ आपके पालनहार के निकट सवाब की दृष्टि से बेहतर तथा परिणाम की दृष्टि से कहीं अच्छी हैं।
Faccirooji aarabeeji:
اَفَرَءَیْتَ الَّذِیْ كَفَرَ بِاٰیٰتِنَا وَقَالَ لَاُوْتَیَنَّ مَالًا وَّوَلَدًا ۟ؕ
तो क्या (ऐ नबी!) आपने उस व्यक्ति को देखा, जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा : मैं अवश्य ही धन तथा संतान दिया जाऊँगा?
Faccirooji aarabeeji:
اَطَّلَعَ الْغَیْبَ اَمِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۟ۙ
क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या उसने रहमान से कोई वचन ले रखा है?
Faccirooji aarabeeji:
كَلَّا ؕ— سَنَكْتُبُ مَا یَقُوْلُ وَنَمُدُّ لَهٗ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا ۟ۙ
कदापि नहीं! हम अवश्य लिखेंगे, जो कुछ वह कहता है और हम उसके लिए यातना में अत्यधिक वृद्धि कर देंगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَّنَرِثُهٗ مَا یَقُوْلُ وَیَاْتِیْنَا فَرْدًا ۟
और हम उसके वारिस होंगे उन चीज़ों में जो वह कर रहा है और वह अकेला[18] हमारे पास आएगा।
18. इन आयतों के अवतरित होने का कारण यह बताया गया है कि ख़ब्बाब बिन अरत्त का आस बिन वायल (काफ़िर) पर कुछ ऋण था। जिसे वह माँगने के लिए गए, तो उसने कहा : मैं तुझे उस समय तक नहीं दूँगा जब तक मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ कुफ़्र नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह काम तो तू मरकर पुनः जीवित हो जाए, तब भी नहीं करूँगा। उसने कहा : क्या मैं मरने के पश्चात् पुनः जीवित किया जाऊँगा? ख़ब्बाब ने कहा : हाँ। आस ने कहा : वहाँ मुझे धन और संतान मिलेगी, तो तुम्हारा ऋण चुका दूँगा। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4732)
Faccirooji aarabeeji:
وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اٰلِهَةً لِّیَكُوْنُوْا لَهُمْ عِزًّا ۟ۙ
तथा उन्होंने अल्लाह के सिवा अन्य पूज्य बना लिए, ताकि वे उनके लिए सम्मान का कारण हों।
Faccirooji aarabeeji:
كَلَّا ؕ— سَیَكْفُرُوْنَ بِعِبَادَتِهِمْ وَیَكُوْنُوْنَ عَلَیْهِمْ ضِدًّا ۟۠
ऐसा कभी नहीं होगा, जल्द ही वे उनकी पूजा का इनकार[19] कर देंगे और उनके खिलाफ (विरोधी) हो जाएँगे।
19. अर्थात प्रलय के दिन।
Faccirooji aarabeeji:
اَلَمْ تَرَ اَنَّاۤ اَرْسَلْنَا الشَّیٰطِیْنَ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ تَؤُزُّهُمْ اَزًّا ۟ۙ
क्या आपने नहीं देखा कि हमने शैतानों को काफ़िरों पर छोड़ रखा है, वे उन्हें ख़ूब उकसाते रहते हैं?
Faccirooji aarabeeji:
فَلَا تَعْجَلْ عَلَیْهِمْ ؕ— اِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمْ عَدًّا ۟ۚ
अतः आपर उनपर जल्दी न करें [1], हम तो केवल उनके लिए (दिन) गिन रहे हैं।
20. अर्थात उनपर शीघ्र यातना उतारने की माँग ने करें। इसके लिए केवल उनकी आयु पूरी होने की देर है।
Faccirooji aarabeeji:
یَوْمَ نَحْشُرُ الْمُتَّقِیْنَ اِلَی الرَّحْمٰنِ وَفْدًا ۟ۙ
जिस दिन हम परहेज़गारों को रहमान के पास मेहमान बनाकर इकट्ठा करेंगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَّنَسُوْقُ الْمُجْرِمِیْنَ اِلٰی جَهَنَّمَ وِرْدًا ۟ۘ
तथा अपराधियों को नरक की ओर प्यासे हाँककर ले जाएँगे।
Faccirooji aarabeeji:
لَا یَمْلِكُوْنَ الشَّفَاعَةَ اِلَّا مَنِ اتَّخَذَ عِنْدَ الرَّحْمٰنِ عَهْدًا ۟ۘ
वे सिफारिश का अधिकार नहीं रखेंगे, सिवाय उसके जिसने रहमान के पास कोई प्रतिज्ञा प्राप्त कर ली हो।[21]
21. अर्थात अल्लाह की अनुमति से वही सिफ़ारिश करेगा जो ईमान लाया है।
Faccirooji aarabeeji:
وَقَالُوا اتَّخَذَ الرَّحْمٰنُ وَلَدًا ۟ؕ
तथा उन्होंने कहा कि रहमान ने संतान बना रखी है।[22]
22. अर्थात ईसाइयों ने - जैसा कि इस सूरत के आरंभ में आया है - ईसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह का पुत्र बना लिया। और इस भ्रम में पड़ गए कि उन्होंने मनुष्य के पापों का प्रायश्चित कर दिया। इस आयत में इसी गलत धारणा का खंडन किया जा रहा है।
Faccirooji aarabeeji:
لَقَدْ جِئْتُمْ شَیْـًٔا اِدًّا ۟ۙ
निश्चय ही तुम एक बड़ी भारी बात गढ़कर लाए हो।
Faccirooji aarabeeji:
تَكَادُ السَّمٰوٰتُ یَتَفَطَّرْنَ مِنْهُ وَتَنْشَقُّ الْاَرْضُ وَتَخِرُّ الْجِبَالُ هَدًّا ۟ۙ
समीप है कि इस कथन के कारण आकाश फट पड़ें तथा धरती चिर जाए और और पहाड़ ध्वस्त होकर गिर पड़ें।
Faccirooji aarabeeji:
اَنْ دَعَوْا لِلرَّحْمٰنِ وَلَدًا ۟ۚ
इस बात पर कि उन्होंने रहमान की संतान होने का दावा किया।
Faccirooji aarabeeji:
وَمَا یَنْۢبَغِیْ لِلرَّحْمٰنِ اَنْ یَّتَّخِذَ وَلَدًا ۟ؕ
हालाँकि, रहमान के योग्य नहीं कि कोई संतान बनाए।
Faccirooji aarabeeji:
اِنْ كُلُّ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ اِلَّاۤ اٰتِی الرَّحْمٰنِ عَبْدًا ۟ؕ
आकाशों तथा धरती में जो कोई भी है, वह रहमान के पास दास के रूप में आने वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
لَقَدْ اَحْصٰىهُمْ وَعَدَّهُمْ عَدًّا ۟ؕ
निश्चय उसने उन्हें (अपने ज्ञान के साथ) घेर रखा है तथा उन्हें अच्छी तरह गिन रखा है।
Faccirooji aarabeeji:
وَكُلُّهُمْ اٰتِیْهِ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فَرْدًا ۟
और उनमें से हर एक क़ियामत के दिन उसके पास अकेला आने वाला है।[23]
23. अर्थात उस दिन कोई किसी का सहायक न होगा। और न ही किसी को उसका धन-संतान लाभ देगा।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ سَیَجْعَلُ لَهُمُ الرَّحْمٰنُ وُدًّا ۟
निःसंदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, शीघ्र ही रहमान उनके लिए प्रेम पैदा करेगा।[24]
24. अर्थात उनके ईमान और सत्कर्म के कारण, लोग उनसे प्रेम करने लगेंगे।
Faccirooji aarabeeji:
فَاِنَّمَا یَسَّرْنٰهُ بِلِسَانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ الْمُتَّقِیْنَ وَتُنْذِرَ بِهٖ قَوْمًا لُّدًّا ۟
अतः (ऐ नबी!) हमने इसे आपकी भाषा में सरल बना दिया है, ताकि आप इसके द्वारा डर रखने वालों को शुभ सूचना दें तथा इसके द्वारा उन लोगों को डराएँ जो सख़्त झगड़ालू हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنْ قَرْنٍ ؕ— هَلْ تُحِسُّ مِنْهُمْ مِّنْ اَحَدٍ اَوْ تَسْمَعُ لَهُمْ رِكْزًا ۟۠
और हमने उनसे पहले कितनी ही जातियों को विनष्ट कर दिया, तो क्या आप उनमें से किसी एक को महसूस करते हैं, या उनकी कोई भनक सुनते हैं?!
Faccirooji aarabeeji:
 
Firo maanaaji Simoore: Simoore Maryam
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - Firo enndiiwo - Tippudi firooji ɗii

Firo Maanaaji Al-quraan tedduɗ oo e ɗemngal enndo, firi ɗum ko Asiis Al-haq Al-umri

Uddude