Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - Firo enndiiwo * - Tippudi firooji ɗii

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Firo maanaaji Simoore: Simoore Al-mursalaat   Aaya:

सूरा अल्-मुर्सलात

وَالْمُرْسَلٰتِ عُرْفًا ۟ۙ
क़सम है उन हवाओं की जो निरंतर भेजी जाती हैं!
Faccirooji aarabeeji:
فَالْعٰصِفٰتِ عَصْفًا ۟ۙ
फिर बहुत तेज़ चलने वाली हवाओं की क़सम!
Faccirooji aarabeeji:
وَّالنّٰشِرٰتِ نَشْرًا ۟ۙ
और बादलों को फैलाने वाली हवाओं[1] की क़सम!
1. अर्थात जो हवाएँ अल्लाह के आदेशानुसार बादलों को फैलाती हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَالْفٰرِقٰتِ فَرْقًا ۟ۙ
फिर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाली चीज़[2] के साथ उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!
2. अर्थात सत्यासत्य तथा वैध और अवैध के बीच अंतर करने के लिए आदेश लाते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَالْمُلْقِیٰتِ ذِكْرًا ۟ۙ
फिर वह़्य[3] लेकर उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!
3. अर्थात जो वह़्य (प्रकाशना) ग्रहण करके उसे रसूलों तक पहुँचाते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
عُذْرًا اَوْ نُذْرًا ۟ۙ
उज़्र (बहाना) समाप्त करने या डराने[4] के लिए।
4. अर्थात ईमान लाने वालों के लिये क्षमा का वचन तथा काफ़िरों के लिये यातना की सूचना लाते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّمَا تُوْعَدُوْنَ لَوَاقِعٌ ۟ؕ
निःसंदेह तुमसे जिस चीज़ का वादा किया जाता है, निश्चय वह होकर रहने वाली है।
Faccirooji aarabeeji:
فَاِذَا النُّجُوْمُ طُمِسَتْ ۟ۙ
फिर जब तारे मिटा दिए जाएँगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا السَّمَآءُ فُرِجَتْ ۟ۙ
और जब आकाश फाड़ दिया जाएगा।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا الْجِبَالُ نُسِفَتْ ۟ۙ
और जब पर्वत उड़ा दिए जाएँगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا الرُّسُلُ اُقِّتَتْ ۟ؕ
और जब रसूलों को निर्धारित समय पर एकत्र किया जाएगा।[5]
5. उनके तथा उनके समुदायों के बीच निर्णय करने के लिए, और रसूल गवाही देंगे।
Faccirooji aarabeeji:
لِاَیِّ یَوْمٍ اُجِّلَتْ ۟ؕ
किस दिन के लिए वे विलंबित किए गए हैं?
Faccirooji aarabeeji:
لِیَوْمِ الْفَصْلِ ۟ۚ
निर्णय के दिन के लिए।
Faccirooji aarabeeji:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا یَوْمُ الْفَصْلِ ۟ؕ
और आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि निर्णय का दिन क्या है?
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
اَلَمْ نُهْلِكِ الْاَوَّلِیْنَ ۟ؕ
क्या हमने पहलों को विनष्ट नहीं किया?
Faccirooji aarabeeji:
ثُمَّ نُتْبِعُهُمُ الْاٰخِرِیْنَ ۟
फिर हम उनके पीछे बाद वालों को भेजेंगे।[6]
6. अर्थात उन्हीं के समान यातना ग्रस्त कर देंगे।
Faccirooji aarabeeji:
كَذٰلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِیْنَ ۟
हम अपराधियों के साथ ऐसा ही करते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
اَلَمْ نَخْلُقْكُّمْ مِّنْ مَّآءٍ مَّهِیْنٍ ۟ۙ
क्या हमने तुम्हें एक तुच्छ पानी से पैदा नहीं किया?
Faccirooji aarabeeji:
فَجَعَلْنٰهُ فِیْ قَرَارٍ مَّكِیْنٍ ۟ۙ
फिर हमने उसे एक सुरक्षित ठिकाने में रखा।
Faccirooji aarabeeji:
اِلٰی قَدَرٍ مَّعْلُوْمٍ ۟ۙ
एक ज्ञात अवधि तक।[7]
7. अर्थात गर्भ की अवधि तक।
Faccirooji aarabeeji:
فَقَدَرْنَا ۖۗ— فَنِعْمَ الْقٰدِرُوْنَ ۟
फिर हमने अनुमान[8] लगाया, तो हम क्या ही अच्छा अनुमान लगाने वाले हैं।
8. अर्थात मानव शरीर की संरचना और उसके अंगों का।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
اَلَمْ نَجْعَلِ الْاَرْضَ كِفَاتًا ۟ۙ
क्या हमने धरती को समेटने[9] वाली नहीं बनाया?
9. अर्थात जब तक लोग जीवित रहते हैं, तो उसके ऊपर रहते तथा बसते हैं और मरण के पश्चात उसी में चले जाते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
اَحْیَآءً وَّاَمْوَاتًا ۟ۙ
जीवित और मृत लोगों को।
Faccirooji aarabeeji:
وَّجَعَلْنَا فِیْهَا رَوَاسِیَ شٰمِخٰتٍ وَّاَسْقَیْنٰكُمْ مَّآءً فُرَاتًا ۟ؕ
तथा हमने उसमें ऊँचे पर्वत बनाए और हमने तुम्हें मीठा पानी पिलाया।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
اِنْطَلِقُوْۤا اِلٰی مَا كُنْتُمْ بِهٖ تُكَذِّبُوْنَ ۟ۚ
(कहा जाएगा :) उस चीज़ की ओर चलो, जिसे तुम झुठलाते थे।
Faccirooji aarabeeji:
اِنْطَلِقُوْۤا اِلٰی ظِلٍّ ذِیْ ثَلٰثِ شُعَبٍ ۟ۙ
एक छाया[10] की ओर चलो, जो तीन शाखाओं वाली है।
10. छाया से अभिप्राय नरक के धुँवे की छाया है, जो तीन दिशाओं में फैली होगी।
Faccirooji aarabeeji:
لَّا ظَلِیْلٍ وَّلَا یُغْنِیْ مِنَ اللَّهَبِ ۟ؕ
जो न छाया देगी और न ज्वाला से बचाएगी।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّهَا تَرْمِیْ بِشَرَرٍ كَالْقَصْرِ ۟ۚ
निःसंदेह वह (आग) भवन के समान चिंगारियाँ फेंकेगी।
Faccirooji aarabeeji:
كَاَنَّهٗ جِمٰلَتٌ صُفْرٌ ۟ؕ
जैसे वे पीले ऊँट हों।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
هٰذَا یَوْمُ لَا یَنْطِقُوْنَ ۟ۙ
यह वह दिन है कि वे बोल[11] नहीं सकेंगे।
11. अर्थात उनके विरुद्ध ऐसे तर्क प्रस्तुत कर दिए जाएँगे कि वे अवाक रह जाएँगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَلَا یُؤْذَنُ لَهُمْ فَیَعْتَذِرُوْنَ ۟
और न उन्हें अनुमति दी जाएगी कि वे उज़्र (कारण) पेश करें।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
هٰذَا یَوْمُ الْفَصْلِ ۚ— جَمَعْنٰكُمْ وَالْاَوَّلِیْنَ ۟
यह निर्णय का दिन है। हमने तुम्हें और पहलों को एकत्र कर दिया है।
Faccirooji aarabeeji:
فَاِنْ كَانَ لَكُمْ كَیْدٌ فَكِیْدُوْنِ ۟
तो यदि तुम्हारे पास कोई चाल[12] हो, तो मेरे विरुद्ध चलो।
12. अर्थात मेरी पकड़ से बचने की।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟۠
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّ الْمُتَّقِیْنَ فِیْ ظِلٰلٍ وَّعُیُوْنٍ ۟ۙ
निश्चय डरने वाले लोग छाँवों तथा स्रोतों में होंगे।
Faccirooji aarabeeji:
وَّفَوَاكِهَ مِمَّا یَشْتَهُوْنَ ۟ؕ
तथा फलों में, जिसमें से वे चाहेंगे।
Faccirooji aarabeeji:
كُلُوْا وَاشْرَبُوْا هَنِیْٓـًٔا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
(तथा उनसे कहा जाएगा :) मज़े से खाओ और पियो, उसके बदले जो तुम किया करते थे।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّا كَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
हम सदाचारियों को इसी तरह बदला प्रदान करते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
كُلُوْا وَتَمَتَّعُوْا قَلِیْلًا اِنَّكُمْ مُّجْرِمُوْنَ ۟
(ऐ झुठलाने वालो!) तुम खा लो तथा थोड़ा-सा[13] आनंद ले लो। निश्चय तुम अपराधी हो।
13. अर्थात सांसारिक जीवन में।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا قِیْلَ لَهُمُ ارْكَعُوْا لَا یَرْكَعُوْنَ ۟
तथा जब उनसे कहा जाता है कि (अल्लाह के आगे) झुको, तो वे नहीं झुकते।
Faccirooji aarabeeji:
وَیْلٌ یَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِیْنَ ۟
उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ حَدِیْثٍ بَعْدَهٗ یُؤْمِنُوْنَ ۟۠
फिर इस (क़ुरआन) के बाद वे किस बात पर ईमान[14] लाएँगे?
14. अर्थात जब अल्लाह की अंतिम पुस्तक पर ईमान नहीं लाते, तो फिर कोई दूसरी पुस्तक नहीं हो सकती, जिस पर वे ईमान लाएँ। इसलिए कि अब और कोई पुस्तक आसमान से आने वाली नहीं है।
Faccirooji aarabeeji:
 
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