क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (65) सूरा: सूरा अल्-ह़िज्र
فَاَسْرِ بِاَهْلِكَ بِقِطْعٍ مِّنَ الَّیْلِ وَاتَّبِعْ اَدْبَارَهُمْ وَلَا یَلْتَفِتْ مِنْكُمْ اَحَدٌ وَّامْضُوْا حَیْثُ تُؤْمَرُوْنَ ۟
इसलिए रात के एक हिस्से के बीत जाने के बाद अपने परिवार के साथ चल पड़ें। तथा आप स्वयं उनके पीछे-पीछे चलें। और आप लोगों में से कोई भी पीछे मुड़कर न देखे कि उनके साथ क्या हुआ। और अल्लाह ने आप लोगों को जहाँ जाने का आदेश दिया है, वहाँ चलते जाओ।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• تعليم أدب الضيف بالتحية والسلام حين القدوم على الآخرين.
• अतिथि शिष्टाचार की शिक्षा कि दूसरों के पास आने पर सलाम किया जाए।

• من أنعم الله عليه بالهداية والعلم العظيم لا سبيل له إلى القنوط من رحمة الله.
• अल्लाह ने जिसे भी मार्गदर्शन और महान ज्ञान प्रदान किया है, उसके पास अल्लाह की दया से निराश होने का कोई रास्ता नहीं है।

• نهى الله تعالى لوطًا وأتباعه عن الالتفات أثناء نزول العذاب بقوم لوط حتى لا تأخذهم الشفقة عليهم.
• अल्लाह तआला ने लूत अलैहिस्सलाम और उनके अनुयायियों को लूत अलैहिस्सलाम की जाति पर यातना उतरते समय पीछे मुड़कर देखने से मना किया था, ताकि उन्हें उनपर दया न आ जाए।

• تصميم قوم لوط على ارتكاب الفاحشة مع هؤلاء الضيوف دليل على طمس فطرتهم، وشدة فحشهم.
• लूत अलैहिस्सलाम की जाति का इन अतिथियों के साथ दुष्कर्म करने का दृढ़ निश्चय, उनकी प्रकृति के विकृत हो जाने और उनकी अश्लीलता की गंभीरता को दर्शाता है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (65) सूरा: सूरा अल्-ह़िज्र
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