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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - पवित्र क़ुरआन की संक्षिप्त व्याख्या का हिंदी अनुवाद। * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद सूरा: अन्-निसा   आयत:
وَالّٰتِیْ یَاْتِیْنَ الْفَاحِشَةَ مِنْ نِّسَآىِٕكُمْ فَاسْتَشْهِدُوْا عَلَیْهِنَّ اَرْبَعَةً مِّنْكُمْ ۚ— فَاِنْ شَهِدُوْا فَاَمْسِكُوْهُنَّ فِی الْبُیُوْتِ حَتّٰی یَتَوَفّٰهُنَّ الْمَوْتُ اَوْ یَجْعَلَ اللّٰهُ لَهُنَّ سَبِیْلًا ۟
और तुम्हारी महिलाएँ में से जो व्यभिचार कर बैठें, चाहे वे विवाहिता हों अथवा अविवाहित, उनके विरुद्ध चार विश्वसनीय मुसलमानों को गवाह लाओ। यदि वे उनके विरुद्ध व्यभिचार की गवाही दे दें, तो उन्हें सज़ा के तौर पर घरों में बंद रखो, यहाँ तक कि मौत से उनके जीवन का अंत हो जाए अथवा अल्लाह उनके लिए क़ैद के अतिरिक्त कोई दूसरा रास्ता निकाल दे। फिर अल्लाह ने इसके बाद उनके लिए रास्ता निकाल दिया। चुनांचे अविवाहित व्यभिचारिणी को सौ कोड़े मारने और एक साल के लिए देशनिकाला देने, जबकि विवाहिता को पत्थर मार-मार कर हलाक करने की सज़ा निर्धारित की गई।
अरबी तफ़सीरें:
وَالَّذٰنِ یَاْتِیٰنِهَا مِنْكُمْ فَاٰذُوْهُمَا ۚ— فَاِنْ تَابَا وَاَصْلَحَا فَاَعْرِضُوْا عَنْهُمَا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ تَوَّابًا رَّحِیْمًا ۟
तथा पुरुषों में से जो दो व्यक्ति व्यभिचार का पाप कर बैठें - चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित - तो उन्हें ज़बान और हाथ से ऐसी सज़ा दो जिससे उन्हें अपमान और फटकार प्राप्त हो। फिर यदि वे दोनों उस चीज़ को छोड़ दें जो कुछ उन्होंने किया था और उनके कार्य सुधर जाएँ; तो उन्हें कष्ट पहुँचाने से उपेक्षा करो। क्योंकि पाप से तौबा करने वाला निर्दोष व्यक्ति के समान हो जाता है। निःसंदेह अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों की तौबा कबूल करने वाला और उनपर दया करने वाला है। ज्ञात होना चाहिए कि इस तरह की सज़ा का प्रावधान शुरू-शुरू इस्लाम में था, लेकिन बाद में इसे निरस्त करके अविवाहित को सौ कोड़े मारने और एक साल के लिए देशनिकाला देने, तथा विवाहित को पत्थरों से मार-मार कर मार डालने का आदेश दिया गया।
अरबी तफ़सीरें:
اِنَّمَا التَّوْبَةُ عَلَی اللّٰهِ لِلَّذِیْنَ یَعْمَلُوْنَ السُّوْٓءَ بِجَهَالَةٍ ثُمَّ یَتُوْبُوْنَ مِنْ قَرِیْبٍ فَاُولٰٓىِٕكَ یَتُوْبُ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟
अल्लाह केवल उन लोगों की तौबा कबूल करता है, जो पाप और अवज्ञा को उसके परिणाम और दुर्भाग्य से अनभिज्ञ होने के कारण करते हैं, (और हर गुनाह करने वाले का यही मामला होता है, चाहे वह जानबूझकर करे या अनजाने में) फिर वे मृत्यु को देखने से पहले पश्चाताप करते हुए अपने पालनहार की ओर लौट आते हैं, तो अल्लाह ऐसे ही लोगों की तौबा स्वीकार करता है और उनके पापों को क्षमा कर देता है। अल्लाह अपनी मख़लूक की स्थितियों से अवगत, अपने फ़ैसले और विधान में हिकमत वाला है।
अरबी तफ़सीरें:
وَلَیْسَتِ التَّوْبَةُ لِلَّذِیْنَ یَعْمَلُوْنَ السَّیِّاٰتِ ۚ— حَتّٰۤی اِذَا حَضَرَ اَحَدَهُمُ الْمَوْتُ قَالَ اِنِّیْ تُبْتُ الْـٰٔنَ وَلَا الَّذِیْنَ یَمُوْتُوْنَ وَهُمْ كُفَّارٌ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟
अल्लाह उन लोगों की तौबा कबूल नहीं करता जो अवज्ञा के कामों पर अडिग रहते हैं, और उनसे तौबा नहीं करते हैं यहाँ तक कि वे मृत्यु की व्यथा का अवलोकन कर लेते हैं। तो उस समय उनमें से एक कहता है : मैंने जो कुछ पाप किया है, अब मैं उससे तौबा करता हूँ। इसी तरह अल्लाह उन लोगों की तौबा - भी - कबूल नहीं करता, जो कुफ़्र पर अडिग रहते हुए मर जाते हैं। ये गुनाहों पर अडिग रहने वाले अवज्ञाकारी, तथा वे लोग जो अपने कुफ़्र (अविश्वास) पर स्थिर रहते हुए मर जाते हैं; हमने उनके लिए दर्दनाक सज़ा तैयार कर रखी है।
अरबी तफ़सीरें:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا یَحِلُّ لَكُمْ اَنْ تَرِثُوا النِّسَآءَ كَرْهًا ؕ— وَلَا تَعْضُلُوْهُنَّ لِتَذْهَبُوْا بِبَعْضِ مَاۤ اٰتَیْتُمُوْهُنَّ اِلَّاۤ اَنْ یَّاْتِیْنَ بِفَاحِشَةٍ مُّبَیِّنَةٍ ۚ— وَعَاشِرُوْهُنَّ بِالْمَعْرُوْفِ ۚ— فَاِنْ كَرِهْتُمُوْهُنَّ فَعَسٰۤی اَنْ تَكْرَهُوْا شَیْـًٔا وَّیَجْعَلَ اللّٰهُ فِیْهِ خَیْرًا كَثِیْرًا ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसके रसूल का अनुसरण करने वालो! तुम्हारे लिए वैध नहीं है कि अपने पिता और रिश्तेदारों की पत्नियों के वारिस बन जाओ जिस तरह कि धन का वारिस होते हैं और उनके बारे में यह रवैया अपनाओ कि उनसे खुद विवाह कर लो, या उनका विवाह उनसे कर दो जिन्हें तुम चाहते हो, या उन्हें विवाह करने से (ही) रोक दो। तुम्हारे लिए यह भी जायज़ नहीं है कि अपनी उन पत्नियों को जिन्हें तुम नापसंद करते हो नुकसान पहुँचाने के लिए रोके रखो, ताकि वे तुम्हारी दी हुई महर आदि का कुछ हिस्सा तुम्हारे लिए परित्याग कर दें। सिवाय इसके कि वे कोई स्पष्ट (घोर) अश्लील काम जैसे व्यभिचार आदि कर बैठें। यदि वे ऐसा करती हैं तो तुम्हारे लिए उन्हें रोकना और उन्हें तंग करना जायज़ है यहाँ तक कि वे तुम्हारी दी हुई चीज़ें वापस करके तुमसे आज़ाद हो जाएँ। तथा तुम अपनी स्त्रियों के साथ अच्छी संगति रखो, उनसे कष्ट को दूर करके और अच्छा व्यवहार करके। यदि तुम उन्हें किसी सांसारिक मामले की वजह से नापसंद करो तो उनपर धैर्य से काम लो; क्योंकि संभव है कि अल्लाह उस चीज़ में जो तुम नापसंद करते हो, दुनिया एवं आख़िरत की बहुत-सी भलाइयाँ रख दे।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• ارتكاب فاحشة الزنى من أكثر المعاصي خطرًا على الفرد والمجتمع؛ ولهذا جاءت العقوبات عليها شديدة.
• व्यभिचार का दुष्कर्म करना व्यक्ति और समाज के लिए सबसे खतरनाक गुनाहों में से एक है। इसीलिए इसकी बड़ी सख़्त सज़ा निर्धारित की गई है।

• لطف الله ورحمته بعباده حيث فتح باب التوبة لكل مذنب، ويسر له أسبابها، وأعانه على سلوك سبيلها.
• यह अल्लाह की अपने बंदों के प्रति दया और कृपा है कि उसने प्रत्येक पापी के लिए पश्चाताप का द्वार खोला, उसके लिए उसके कारणों को सुविधाजनक बनाया और उसके रास्ते पर चलने में उसकी सहायता की।

• كل من عصى الله تعالى بعمد أو بغير عمد فهو جاهل بقدر من عصاه جل وعلا، وجاهل بآثار المعاصي وشؤمها عليه.
• हर वह व्यक्ति जो जानबूझकर या अनजाने में अल्लाह तआला की अवज्ञा करता हैं, वह उस सर्वशक्तिमान (अल्लाह) की महानता से अनभिज्ञ है जिसकी उसने अवज्ञा की है, इसी तरह वह पाप के प्रभावों और अपने ऊपर उसके दुर्भाग्य से भी अनभिज्ञ है।

• من أسباب استمرار الحياة الزوجية أن يكون نظر الزوج متوازنًا، فلا يحصر نظره فيما يكره، بل ينظر أيضا إلى ما فيه من خير، وقد يجعل الله فيه خيرًا كثيرًا.
• वैवाहिक जीवन की निरंतरता के कारणों में से एक यह है कि पति का दृष्टिकोण संतुलित हो। अतः वह अपनी निगाहों को केवल उसी चीज़ को देखने तक सीमित न रखे, जिसे वह नापसंद करता है, बल्कि वह उसमें मौजूद अच्छाई को भी देखे और हो सकता है कि अल्लाह उसमें बहुत सारी अच्छाई रख दे।

 
अर्थों का अनुवाद सूरा: अन्-निसा
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कुरआन अध्ययन एवं व्याख्या केंद्र द्वारा निर्गत।

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