क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (4) सूरा: सूरा अल्-मुनाफ़िक़ून
وَاِذَا رَاَیْتَهُمْ تُعْجِبُكَ اَجْسَامُهُمْ ؕ— وَاِنْ یَّقُوْلُوْا تَسْمَعْ لِقَوْلِهِمْ ؕ— كَاَنَّهُمْ خُشُبٌ مُّسَنَّدَةٌ ؕ— یَحْسَبُوْنَ كُلَّ صَیْحَةٍ عَلَیْهِمْ ؕ— هُمُ الْعَدُوُّ فَاحْذَرْهُمْ ؕ— قَاتَلَهُمُ اللّٰهُ ؗ— اَنّٰی یُؤْفَكُوْنَ ۟
और जब तुम (ऐ देखने वाले) उन्हें देखो, तो उनके परम सुख व आनंद और ताजगी के कारण उनकी आकृति और आकार तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा, और अगर वे बात करें, तो तुम उनकी बात को उसकी वाक्पटुता के कारण कान लगाकर सुनोगे। वे आपकी सभा में (ऐ रसूल) ऐसे बैठे होते हैं, मानो कि वे दीवार के सहारे लगाई हुई लकड़ियाँ हैं। न कुछ समझते हैं और न याद रखते हैं, बल्कि उनकी कायरता का हाल यह है कि वे हर आवाज़ को अपने ही विरुद्ध समझते हैं। वही वास्तविक दुश्मन हैं। अतः, (ऐ रसूल) उनसे सावधान रहें कि कहीं वे आपके किसी रहस्य को उजागर न कर दें या आपके विरुद्ध कोई चाल न चलें। उन पर अल्लाह की लानत है। वे ईमान से कैसे फेरे जा रहे हैं, जबकि उसके प्रमाण स्पष्ट और उसके तर्क साफ़ नज़र आते हैं।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• وجوب السعي إلى الجمعة بعد النداء وحرمة ما سواه من الدنيا إلا لعذر.
• अज़ान के बाद जुमे की नमाज़ के लिए निकलना ज़रूरी है और बिना किसी शरई कारण के उसके सिवा कोई और कार्य करना हराम है।

• تخصيص سورة للمنافقين فيه تنبيه على خطورتهم وخفاء أمرهم.
• मुनाफ़िक़ो के बारे में एक पूरी सूरत उतारने में, उनके खतरे एवं गंभीरता तथा उनके मामले के गुप्त होने पर एक चेतावनी है।

• العبرة بصلاح الباطن لا بجمال الظاهر ولا حسن المنطق.
• इस्लाम में अंतरात्मा (हृदय) की शुद्धता का एतिबार है, ज़ाहिरी सुंदरता और अच्छी बात का नहीं।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (4) सूरा: सूरा अल्-मुनाफ़िक़ून
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