क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद सूरा: सूरा अल्-मुल्क   आयत:

सूरा अल्-मुल्क

सूरा के उद्देश्य:
إظهار كمال ملك الله وقدرته؛ بعثًا على خشيته، وتحذيرًا من عقابه.
अल्लाह के राज्य और शक्ति की पूर्णता का प्रदर्शन; ताकि उसका भय पैदा किया जाए और उसकी सज़ा से सावधान किया जाए।

تَبٰرَكَ الَّذِیْ بِیَدِهِ الْمُلْكُ ؗ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرُ ۟ۙ
उस अल्लाह की भलाई बहुत अधिक और महान है, जिस अकेले के हाथ में सारा राज्य है और वह सब कुछ करने में सक्षम है, कोई चीज़ उसकी शक्ति से बाहर नहीं है।
अरबी तफ़सीरें:
١لَّذِیْ خَلَقَ الْمَوْتَ وَالْحَیٰوةَ لِیَبْلُوَكُمْ اَیُّكُمْ اَحْسَنُ عَمَلًا ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْغَفُوْرُ ۟ۙ
जिसने मौत और जीवन को पैदा किया, ताकि वह तुम्हें (ऐ लोगो) परखे कि तुममें से कौन सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाला है? और वह ऐसा प्रभुत्वशाली है, जिस पर किसी का ज़ोर नहीं चलता। वह अपने तौबा करने वाले बंदों के गुनाहों को माफ़ करने वाला है।
अरबी तफ़सीरें:
الَّذِیْ خَلَقَ سَبْعَ سَمٰوٰتٍ طِبَاقًا ؕ— مَا تَرٰی فِیْ خَلْقِ الرَّحْمٰنِ مِنْ تَفٰوُتٍ ؕ— فَارْجِعِ الْبَصَرَ ۙ— هَلْ تَرٰی مِنْ فُطُوْرٍ ۟
जिसने सात आकाश बनाए, प्रत्येक आकाश उसके पहले के ऊपर एक परत के रूप में इस तरह है कि एक आसमान और दूसरे आसमान के बीच कोई मिलन नहीं है। (ऐ देखने वाले) तुम अल्लाह की रचना में कोई असमानता या असंगति नहीं देखोगे। तुम फिर से नज़र दौड़ाओ क्या तुम्हें कोई दरार या फटन दिखाई देती है?! तुम्हें इस तरह की कोई चीज़ हरगिज़ नज़र नहीं आएगी, बल्कि तुम एक सुदृढ़ और मज़बूत रचना देखोगे।
अरबी तफ़सीरें:
ثُمَّ ارْجِعِ الْبَصَرَ كَرَّتَیْنِ یَنْقَلِبْ اِلَیْكَ الْبَصَرُ خَاسِئًا وَّهُوَ حَسِیْرٌ ۟
फिर तुम बार-बार नज़र डालो, तुम्हारी नज़र आकाश की रचना में कोई दोष या खराबी देखे बिना अपमानित होकर तुम्हारी ओर लौट आएगी और वह थकी हुई होगी, उसे कुछ दिखाई न देगा।
अरबी तफ़सीरें:
وَلَقَدْ زَیَّنَّا السَّمَآءَ الدُّنْیَا بِمَصَابِیْحَ وَجَعَلْنٰهَا رُجُوْمًا لِّلشَّیٰطِیْنِ وَاَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابَ السَّعِیْرِ ۟
निश्चय हमने धरती से सबसे निकट के आकाश को चमकीले तारों के साथ सुशोभित किया है तथा हमने उन तारों को उल्का बना दिया है, जिनके द्वारा उन शैतानों को मारा जाता है, जो चोरी-छिपे सुनने का प्रयास करते हैं। तो ये तारे उन्हें जला देते हैं, और हमने उनके लिए आख़िरत में भड़कती आग तैयार कर रखी है।
अरबी तफ़सीरें:
وَلِلَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِرَبِّهِمْ عَذَابُ جَهَنَّمَ ؕ— وَبِئْسَ الْمَصِیْرُ ۟
और जिन लोगों ने अपने पालनहार का इनकार किया, उनके लिए क़ियामत के दिन भड़कती हुई आग की यातना है और वह लौटने का स्थान बहुत बुरा है, जहाँ उन्हें लौटना है।
अरबी तफ़सीरें:
اِذَاۤ اُلْقُوْا فِیْهَا سَمِعُوْا لَهَا شَهِیْقًا وَّهِیَ تَفُوْرُ ۟ۙ
जब वे जहन्नम में फेंके जाएँगे, तो उसकी सख़्त भूंडी आवाज़ सुनेंगे और वह हाँडी के उबलने की तरह उबल रहा होगा।
अरबी तफ़सीरें:
تَكَادُ تَمَیَّزُ مِنَ الْغَیْظِ ؕ— كُلَّمَاۤ اُلْقِیَ فِیْهَا فَوْجٌ سَاَلَهُمْ خَزَنَتُهَاۤ اَلَمْ یَاْتِكُمْ نَذِیْرٌ ۟
क़रीब होगा कि जहन्नम, उसमें प्रवेश करने वालों के ख़िलाफ़ अपने क्रोध की तीव्रता से, एक दूसरे से अलग हो जाए और फट पड़े। जब भी उसमें, उसके अंदर प्रवेश करने वाले काफ़िरों का कोई समूह डाला जाएगा, तो वहाँ नियुक्त फ़रिश्ते उनसे फटकार के रूप में पूछेंगे : क्या दुनिया में तुम्हारे पास कोई रसूल नहीं आया था, जो तुम्हें अल्लाह की यातना से सावधान करता?!
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْا بَلٰی قَدْ جَآءَنَا نَذِیْرٌ ۙ۬— فَكَذَّبْنَا وَقُلْنَا مَا نَزَّلَ اللّٰهُ مِنْ شَیْءٍ ۖۚ— اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا فِیْ ضَلٰلٍ كَبِیْرٍ ۟
काफ़िर कहेंगे : क्यों नहीं?! हमारे पास रसूल आया था, जो हमें अल्लाह की यातना से डराता था, लेकिन हमने उसे झुठला दिया और उससे कहा : अल्लाह ने कोई वह़्य नहीं उतारी है। तुम तो (ऐ रसूलो!) सत्य से बहुत भटके हुए हो।
अरबी तफ़सीरें:
وَقَالُوْا لَوْ كُنَّا نَسْمَعُ اَوْ نَعْقِلُ مَا كُنَّا فِیْۤ اَصْحٰبِ السَّعِیْرِ ۟
और काफ़िर कहेंगे : अगर हम उससे लाभान्वित होने के तौर पर सुनते होते, या ऐसे व्यक्ति के समझने की तरह समझते होते, जो सत्य एवं असत्य के बीच अंतर करता है, तो हम जहन्नम में दाख़िल होने वालों के बीच न होते। बल्कि, हम रसूलों पर ईमान रखते होते और उनके लाए हुए संदेश को सच मानते होते और जन्नत में प्रवेश करने वालों में से होते।
अरबी तफ़सीरें:
فَاعْتَرَفُوْا بِذَنْۢبِهِمْ ۚ— فَسُحْقًا لِّاَصْحٰبِ السَّعِیْرِ ۟
इस तरह, वे अपने कुफ़्र और झुठलाने को स्वीकार करेंगे, इसलिए वे आग के पात्र हुए।तो दूरी है (जहन्नम की) आग वालों के लिए।
अरबी तफ़सीरें:
اِنَّ الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ بِالْغَیْبِ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ كَبِیْرٌ ۟
निश्चय जो लोग अपने एकांत में अल्लाह से डरते हैं, उनके पापों के लिए क्षमा है और उनके लिए एक महान पुण्य है और वह जन्नत है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• في معرفة الحكمة من خلق الموت والحياة وجوب المبادرة للعمل الصالح قبل الموت.
• मृत्यु और जीवन बनाने की हिकमत को जानने में, मृत्यु से पहले सत्कर्म करने में जल्दी करने की अनिवार्यता का संकेत है।

• حَنَقُ جهنم على الكفار وغيظها غيرةً لله سبحانه.
• अल्लाह के लिए स्वाभिमान के तौर पर, काफ़िरों के खिलाफ जहन्नम का प्रकोप और उसका गुस्सा।

• سبق الجن الإنس في ارتياد الفضاء وكل من تعدى حده منهم، فإنه سيناله الرصد بعقاب.
• जिन्न अंतरिक्ष में मानव जाति से पहले पहुँच चुके हैं, और उनमें से जो भी अपनी सीमा को पार कर गया, उसे निगरानी करने वालों की सज़ा का सामना होगा।

• طاعة الله وخشيته في الخلوات من أسباب المغفرة ودخول الجنة.
• अल्लाह का आज्ञापालन करना और एकांत में उससे डरना, क्षमा और जन्नत में प्रवेश का एक कारण है।

وَاَسِرُّوْا قَوْلَكُمْ اَوِ اجْهَرُوْا بِهٖ ؕ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
(ऐ लोगो) तुम अपनी बात छिपाओ या उसे प्रकट करो, अल्लाह उसे जानता है। निश्चय वह अपने बंदों के दिलों की बातों को भी जानता है, उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
अरबी तफ़सीरें:
اَلَا یَعْلَمُ مَنْ خَلَقَ ؕ— وَهُوَ اللَّطِیْفُ الْخَبِیْرُ ۟۠
क्या वह जिसने सभी प्राणियों को पैदा किया, वह भेद और भेद से भी अधिक छिपी चीज़ को नहीं जानेगा?! जबकि वह अपने बंदों के रहस्यों से अवगत, उनके मामलों की पूरी ख़बर रखने वाला है। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
अरबी तफ़सीरें:
هُوَ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ ذَلُوْلًا فَامْشُوْا فِیْ مَنَاكِبِهَا وَكُلُوْا مِنْ رِّزْقِهٖ ؕ— وَاِلَیْهِ النُّشُوْرُ ۟
वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को उसपर रहने के लिए नरम बनाया, तो तुम उसके विभिन्न क्षेत्रों में चलो-फिरो, और उसकी उस रोज़ी से खाओ, जो उसने उसमें तुम्हारे लिए तैयार की है, और अकेले उसी की ओर तुम्हें हिसाब और बदला के लिए जीवित होकर जाना है।
अरबी तफ़सीरें:
ءَاَمِنْتُمْ مَّنْ فِی السَّمَآءِ اَنْ یَّخْسِفَ بِكُمُ الْاَرْضَ فَاِذَا هِیَ تَمُوْرُ ۟ۙ
क्या तुम उस अल्लाह से निडर हो गए, जो आकाश में है कि वह इस धरती को तुम्हारे नीचे से फाड़ दे, जैसे कि क़ारून के नीचे से फाड़ दिया था, जबकि वह रहने के लिए नरम और अधीनस्थ थी, फिर वह अपनी स्थिरता के बाद अचानक तुम्हें लेकर काँपने लगे?!
अरबी तफ़सीरें:
اَمْ اَمِنْتُمْ مَّنْ فِی السَّمَآءِ اَنْ یُّرْسِلَ عَلَیْكُمْ حَاصِبًا ؕ— فَسَتَعْلَمُوْنَ كَیْفَ نَذِیْرِ ۟
क्या तुम उस अल्लाह से, जो आकाश में है, निडर हो गए हो कि वह तुमपर आकाश से पत्थर बरसा दे, जैसे लूत अलैहिस्सलाम की जाति पर बरसाया था?! फिर जब तुम मेरी यातना को देखोगे, तो तुम्हें मेरी चेतावनी का पता चल जाएगा, लेकिन यातना देख लेने के बाद तुम्हें इससे कोई फायदा नहीं होगा।
अरबी तफ़सीरें:
وَلَقَدْ كَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَكَیْفَ كَانَ نَكِیْرِ ۟
निःसंदेह इन मुश्रिकों से पहले के समुदायों ने भी झुठलाया है। जब उन्होंने अपने कुफ़्र और झुठलाने पर हठ किया, तो उनपर अल्लाह की यातना उतरी। तो उनके खिलाफ़ मेरा इनकार कैसा था?! निश्चय वह बहुत सख़्त इनकार था।
अरबी तफ़सीरें:
اَوَلَمْ یَرَوْا اِلَی الطَّیْرِ فَوْقَهُمْ صٰٓفّٰتٍ وَّیَقْبِضْنَ ؕۘؔ— مَا یُمْسِكُهُنَّ اِلَّا الرَّحْمٰنُ ؕ— اِنَّهٗ بِكُلِّ شَیْءٍ بَصِیْرٌ ۟
क्या इन झुठलाने वालों ने अपने ऊपर पक्षियों को उड़ते नहीं देखा, जो कभी हवा में अपने पंख फैलाते हैं और कभी उन्हें समेट लेते हैं। उन्हें ज़मीन पर गिरने से अल्लाह के अलावा कोई नहीं रोकता है। निश्चय वह हर चीज़ को देखने वाला है, उससे कोई भी चीज़ छिपी नहीं है।
अरबी तफ़सीरें:
اَمَّنْ هٰذَا الَّذِیْ هُوَ جُنْدٌ لَّكُمْ یَنْصُرُكُمْ مِّنْ دُوْنِ الرَّحْمٰنِ ؕ— اِنِ الْكٰفِرُوْنَ اِلَّا فِیْ غُرُوْرٍ ۟ۚ
यदि (ऐ काफ़िरो) अल्लाह तुम्हें यातना देना चाहे, तो तुम्हारे लिए कोई सेना नहीं है, जो तुम्हें उसकी यातना से बचा सके। काफ़िर लोग तो मात्र धोखे में पड़े हुए हैं। शैतान ने उन्हें धोखा दिया, तो वे उसके धोखे में पड़ गए।
अरबी तफ़सीरें:
اَمَّنْ هٰذَا الَّذِیْ یَرْزُقُكُمْ اِنْ اَمْسَكَ رِزْقَهٗ ۚ— بَلْ لَّجُّوْا فِیْ عُتُوٍّ وَّنُفُوْرٍ ۟
यदि अल्लाह अपनी जीविका को तुम्हारे पास तक पहुँचने से रोक ले, तो तुम्हें कोई भी जीविका प्रदान नहीं कर सकता। बल्कि, निष्कर्ष यह है कि काफ़िर लोग अपने हठ और अहंकार, तथा सच्चाई से उपेक्षा में बहुत दूर चले गए हैं।
अरबी तफ़सीरें:
اَفَمَنْ یَّمْشِیْ مُكِبًّا عَلٰی وَجْهِهٖۤ اَهْدٰۤی اَمَّنْ یَّمْشِیْ سَوِیًّا عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
क्या वह व्यक्ति जो अपने चेहरे के बल औंधा होकर चलता है - और वह बहुदेववादी है -, अधिक सीधी राह पर है या वह मोमिन, जो सीधे रास्ते पर सीधा होकर चलता है?!
अरबी तफ़सीरें:
قُلْ هُوَ الَّذِیْۤ اَنْشَاَكُمْ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟
आप (ऐ रसूल) इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दें : अल्लाह ही ने तुम्हें पैदा किया, और तुम्हारे लिए कान बनाए जिनसे तुम सुनते हो, और आँखें बनाईं जिनसे तुम देखते हो और दिल बनाए जिनसे तुम समझते हो। तुम अल्लाह का उसकी प्रदान की हुई नेमतों पर बहुत कम शुक्रिया अदा करते हो।
अरबी तफ़सीरें:
قُلْ هُوَ الَّذِیْ ذَرَاَكُمْ فِی الْاَرْضِ وَاِلَیْهِ تُحْشَرُوْنَ ۟
आप (ऐ रसूल) इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से कह दें : अल्लाह ही है, जिसने तुम्हें धरती में फैलाया, न कि तुम्हारी मूर्तियाँ, जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकतीं। तथा क़ियामत के दिन तुम अकेले उसी के पास हिसाब और बदले के लिए एकत्र किए जाओगे, न कि अपनी मूर्तियों के पास। अतः उसी से डरो और अकेले उसी की इबादत करो।
अरबी तफ़सीरें:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
तथा मरने के बाद पुनर्जीवित कर उठाए जाने का इनकार करने वाले, पुनर्जीवन को असंभव समझते हुए कहते हैं : यह वादा कब पूरा होगा, जिसका (ऐ मुहम्मद) तुम और तुम्हारे साथी हमें वचन दे रहे हैं, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि वह आकर ही रहेगा?!
अरबी तफ़सीरें:
قُلْ اِنَّمَا الْعِلْمُ عِنْدَ اللّٰهِ ۪— وَاِنَّمَاۤ اَنَا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
(ऐ रसूल) आप कह दें : क़ियामत की जानकारी केवल अल्लाह के पास है। वह कब आएगी, उसके सिवा कोई नहीं जानता। और मैं तो केवल तुम्हें स्पष्ट तौर पर डराने वाला हूँ।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• اطلاع الله على ما تخفيه صدور عباده.
• अल्लाह अपने बंदों के दिलों की छिपाई हुई बातों को जानता है।

• الكفر والمعاصي من أسباب حصول عذاب الله في الدنيا والآخرة.
• कुफ़्र और पाप दुनिया एवं आख़िरत में अल्लाह की यातना के कारणों में से हैं।

• الكفر بالله ظلمة وحيرة، والإيمان به نور وهداية.
• अल्लाह का इनकार करना अंधकार और भ्रम है, जबकि उसपर ईमान रखना प्रकाश और मार्गदर्शन है।

فَلَمَّا رَاَوْهُ زُلْفَةً سِیْٓـَٔتْ وُجُوْهُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَقِیْلَ هٰذَا الَّذِیْ كُنْتُمْ بِهٖ تَدَّعُوْنَ ۟
फिर जब वह वादा उनके पास आ जाएगा और वे यातना को अपने निकट देखेंगे और यह क़ियामत के दिन होगा, तो अल्लाह का इनकार करने वालों के चेहरे बिगड़ जाएँगे और काले पड़ जाएँगे और उनसे कहा जाएगा : यह वही चीज़ है, जो तुम दुनिया में माँगा करते थे और उसकी जल्दी मचाया करते थे।
अरबी तफ़सीरें:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ اَهْلَكَنِیَ اللّٰهُ وَمَنْ مَّعِیَ اَوْ رَحِمَنَا ۙ— فَمَنْ یُّجِیْرُ الْكٰفِرِیْنَ مِنْ عَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन झुठलाने वाले मुश्रिकों से उनका खंडन करते हुए कह दें : मुझे बताओ कि अगर अल्लाह मुझे मौत दे दे और मेरे साथ जो मोमिन हैं उन्हें भी मृत्यु दे दे, या हम पर दया करे और हमारी मृत्यु को विलंब कर दे, तो काफ़िरों को दर्दनाक यातना से कौन बचाएगा?! निश्चय उन्हें इससे कोई नहीं बचाएगा।
अरबी तफ़सीरें:
قُلْ هُوَ الرَّحْمٰنُ اٰمَنَّا بِهٖ وَعَلَیْهِ تَوَكَّلْنَا ۚ— فَسَتَعْلَمُوْنَ مَنْ هُوَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : वही 'रहमान' है, जो तुम्हें अकेले अपनी इबादत के लिए आमंत्रित करता है। हम उसपर ईमान लाए, तथा अकेले उसी पर हमने अपने मामलों भरोसा किया है। चुनाँचे शीघ्र ही तुम्हें - अनिवार्य रूप से - पता चल जाएगा कि कौन स्पष्ट गुमराही में है और कौन सीधे रास्ते पर है।
अरबी तफ़सीरें:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ اَصْبَحَ مَآؤُكُمْ غَوْرًا فَمَنْ یَّاْتِیْكُمْ بِمَآءٍ مَّعِیْنٍ ۟۠
(ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से कहें : मुझे बताओ कि क्या तुम्हारा वह पानी, जिसमें से तुम पीते हो, यदि धरती में नीचे चला जाए और तुम्हारी पहुँच से बाहर हो जाए, तो कौन है जो तुम्हारे पास बहता हुआ पानी लाए?! निश्चित रूप से अल्लाह के सिवा कोई नहीं।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• اتصاف الرسول صلى الله عليه وسلم بأخلاق القرآن.
• रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का क़ुरआन के आचरण से सुसज्जित होना।

• صفات الكفار صفات ذميمة يجب على المؤمن الابتعاد عنها، وعن طاعة أهلها.
• काफ़िरों की विशेषताएँ निंदनीय हैं, ईमान वाले को चाहिए कि उनसे और उन विशेषताओं वालों का पालन करने से दूर रहे।

• من أكثر الحلف هان على الرحمن، ونزلت مرتبته عند الناس.
• जो ज़्यादा क़समें खाएगा, 'रहमान' की नज़र में गिर जाएगा और लोगों के निकट उसका रुतबा घट जाएगा।

 
अर्थों का अनुवाद सूरा: सूरा अल्-मुल्क
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - अनुवादों की सूची

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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