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82 : 6

اَلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَلَمْ یَلْبِسُوْۤا اِیْمَانَهُمْ بِظُلْمٍ اُولٰٓىِٕكَ لَهُمُ الْاَمْنُ وَهُمْ مُّهْتَدُوْنَ ۟۠

जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए तथा उसके बनाए हुए नियमों का पालन किया, और अपने ईमान के साथ शिर्क की मिलावट नहीं की, वही लोग सफल हैं, उन्हें उनके पालनहार ने हिदायत के मार्ग पर चलने की तौफ़ीक दी है। info
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83 : 6

وَتِلْكَ حُجَّتُنَاۤ اٰتَیْنٰهَاۤ اِبْرٰهِیْمَ عَلٰی قَوْمِهٖ ؕ— نَرْفَعُ دَرَجٰتٍ مَّنْ نَّشَآءُ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ حَكِیْمٌ عَلِیْمٌ ۟

यह तर्क, अर्थात् अल्लाह का कथन : ( ... فَأَيُّ الْفَرِيقَيْنِ أَحَقُّ بِالْأَمْنِ) ''तो दोनों पक्षों में से कौन सुरक्षा के अधिक योग्य है।'', जिसके द्वारा इबराहीम ने अपनी जाति को पराजित किया, यहाँ तक कि उनका तर्क समाप्त हो गया, यही हमारा तर्क है, जिसकी हमने उन्हें अपनी जाति के साथ बहस करने के लिए तौफ़ीक़ दी और उन्हें वह प्रदान किया। हम दुनिया तथा आख़िरत में अपने बंदों में से जिसे चाहते हैं, पदों में ऊँचा कर देते हैं। (ऐ रसूल!) आपका पालनहार अपनी रचना और प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला, अपने बंदों को जानने वाला है। info
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84 : 6

وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— كُلًّا هَدَیْنَا ۚ— وَنُوْحًا هَدَیْنَا مِنْ قَبْلُ وَمِنْ ذُرِّیَّتِهٖ دَاوٗدَ وَسُلَیْمٰنَ وَاَیُّوْبَ وَیُوْسُفَ وَمُوْسٰی وَهٰرُوْنَ ؕ— وَكَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟ۙ

हमने इबराहीम को बेटे के रूप में इसहाक़ तथा पोते के रूप में याक़ूब प्रदान किए और उन दोनों में से हर एक को सीधा मार्ग दिखाया, तथा हमने उनसे पहले नूह़ को हिदयात की तौफ़ीक़ दी और नूह के वंश में से दाऊद और उनके पुत्र सुलैमान, अय्यूब, यूसुफ़, मूसा तथा उनके भाई हारून अलैहिमुस्सलाम को भी सीधे मार्ग पर चलने की तौफीक़ दी। और जिस प्रकार हमने नबियों को उनके अच्छे कर्म का बदला दिया, उसी प्रकार हम अच्छे कर्म करने वालों को उनके अच्छे कर्म का बदला देते हैं। info
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85 : 6

وَزَكَرِیَّا وَیَحْیٰی وَعِیْسٰی وَاِلْیَاسَ ؕ— كُلٌّ مِّنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟ۙ

और इसी प्रकार हमने ज़करिया, यह़्या, ईसा बिन मरयम और इलयास अलैहिमुस्सलाम को भी सीधे मार्ग की तौफ़ीक़ दी। और ये सभी ईश्दूत सदाचारियों में से थे, जिन्हें अल्लाह ने रसूलों के रूप में चुन लिया था। info
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86 : 6

وَاِسْمٰعِیْلَ وَالْیَسَعَ وَیُوْنُسَ وَلُوْطًا ؕ— وَكُلًّا فَضَّلْنَا عَلَی الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ

और इसी प्रकार हमने इसमाईल, अल-यसअ, यूनुस तथा लूत अलैहिमुस्सलाम को तौफ़ीक़ दी, और इन सभी नबियों को, जिनमें सबसे ऊपर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं, (उनके समय के) समस्त लोगों पर श्रेष्ठता प्रदान की। info
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87 : 6

وَمِنْ اٰبَآىِٕهِمْ وَذُرِّیّٰتِهِمْ وَاِخْوَانِهِمْ ۚ— وَاجْتَبَیْنٰهُمْ وَهَدَیْنٰهُمْ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟

हमने उनके कुछ पिताओं, उनकी कुछ संतानों तथा उनके कुछ भाइयों को अपनी इच्छा के अनुसार तौफ़ीक़ दी और उन्हें चुन लिया तथा उन्हें उस सीधे मार्ग पर चलने का सामर्थ्य प्रदान किया, जो कि अल्लाह के एकेश्वरवाद और उसकी आज्ञाकारिता का मार्ग है। info
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88 : 6

ذٰلِكَ هُدَی اللّٰهِ یَهْدِیْ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ ؕ— وَلَوْ اَشْرَكُوْا لَحَبِطَ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟

यह तौफ़ीक़ (सफलता) जो उन्हें प्राप्त हुई, यह अल्लाह की तौफ़ीक़ है। वह अपने बंदों में से जिसे चाहता है तौफ़ीक़ देता है। और यदि ये लोग अल्लाह के साथ उसके अलावा को साझी बनाते, तो उनका कार्य व्यर्थ (अमान्य) हो जाता; क्योंकि शिर्क नेक कार्य को नष्ट (अमान्य) कर देने वाला है। info
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89 : 6

اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ اٰتَیْنٰهُمُ الْكِتٰبَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ ۚ— فَاِنْ یَّكْفُرْ بِهَا هٰۤؤُلَآءِ فَقَدْ وَكَّلْنَا بِهَا قَوْمًا لَّیْسُوْا بِهَا بِكٰفِرِیْنَ ۟

ये उपर्युक्त नबी गण ही वे लोग हैं, जिन्हें हमने किताबें प्रदान कीं, उन्हें हिकमत प्रदान की तथा उन्हें नुबुव्वत (पैगंबरी) प्रदान की। यदि आपकी जाति उसका इनकार करे, जो हमने इन्हें इन तीन चीज़ों में से प्रदान किया है, तो हमने उनके लिए ऐसे लोगों को तैयार कर रखा है, जो इनका इनकार करने वाले नहीं हैं, बल्कि वे इनपर ईमान लाने वाले और मज़बूती से उनका पालन करने वाले हैं। और वे मुहाजिर एवं अनसार तथा वे लोग हैं, जो क़ियामत के दिन तक अच्छे ढंग से उनका अनुसरण करने वाले हैं। info
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90 : 6

اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ هَدَی اللّٰهُ فَبِهُدٰىهُمُ اقْتَدِهْ ؕ— قُلْ لَّاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ اَجْرًا ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٰی لِلْعٰلَمِیْنَ ۟۠

ये नबी गण तथा उनके साथ जिनका ज़िक्र हुआ, जैसे उनके पिता, उनके बेटे और उनके भाई, वही वास्तव में मार्गदर्शन पाने वाले हैं। इसलिए आप उनका अनुसरण करें और उन्हें अपना आदर्श बनाएँ। और (ऐ रसूल!) आप अपनी जाति से कह दें : मैं तुमसे इस क़ुरआन को पहुँचाने का कोई बदला नहीं माँगता। क्योंकि क़ुरआन मानवजाति और जिन्नों के लिए उसके द्वारा सीधे रास्ते और सही मार्ग पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए एक उपदेश के अलावा और कुछ नहीं है। info
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ក្នុង​ចំណោម​អត្ថប្រយោជន៍​នៃអាយ៉ាត់ទាំងនេះក្នុងទំព័រនេះ:
• من فضائل التوحيد أنه يضمن الأمن للعبد، خاصة في الآخرة حين يفزع الناس.
• तौहीद (एकेश्वरवाद) के गुणों में से एक यह है कि वह बंदे के लिए सुरक्षा व शांति की गारंटी देती है, खासकर परलोक में जब लोग भयभीत होंगे। info

• تُقَرِّر الآيات أن جميع من سبق من الأنبياء إنما بَلَّغوا دعوتهم بتوفيق الله تعالى لا بقدرتهم.
• ये आयतें प्रमाणित करती हैं कि पिछले सभी नबियों ने केवल सर्वशक्तिमान अल्लाह की मदद से अपने संदेश को पहुँचाया, न कि अपनी क्षमता से। info

• الأنبياء يشتركون جميعًا في الدعوة إلى توحيد الله تعالى مع اختلاف بينهم في تفاصيل التشريع.
• सभी नबी गण अल्लाह सर्वशक्तिमान की तौहीद (एकेश्वरवाद) की ओर बुलाने में समान हैं, जबकि विधान के विवरण में उनके बीच अंतर पाया जाता है। info

• الاقتداء بالأنبياء سنة محمودة، وخاصة في أصول التوحيد.
• नबियों का अनुसरण करना एक प्रशंसनीय तरीक़ा (पद्धति) है, विशेष रूप से एकेश्वरवाद के सिद्धांतों में। info