ការបកប្រែអត្ថន័យគួរអាន - ការបកប្រែជាភាសាហិណ្ឌូ * - សន្ទស្សន៍នៃការបកប្រែ

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

ការបកប្រែអត្ថន័យ អាយ៉ាត់: (51) ជំពូក​: សូរ៉ោះអាស្ហ់ស្ហ៊ូរ៉
وَمَا كَانَ لِبَشَرٍ اَنْ یُّكَلِّمَهُ اللّٰهُ اِلَّا وَحْیًا اَوْ مِنْ وَّرَآئِ حِجَابٍ اَوْ یُرْسِلَ رَسُوْلًا فَیُوْحِیَ بِاِذْنِهٖ مَا یَشَآءُ ؕ— اِنَّهٗ عَلِیٌّ حَكِیْمٌ ۟
और किसी मनुष्य के लिए संभव नहीं कि अल्लाह उससे बात करे, परंतु वह़्य[34] के द्वारा, अथवा पर्दे के पीछे से, अथवा यह कि कोई दूत (फ़रिश्ता) भेजे, फिर वह उसकी अनुमति से वह़्य करे, जो कुछ वह चाहे। निःसंदेह वह सबसे ऊँचा, पूर्ण हिकमत वाला है।
34. वह़्य का अर्थ, संकेत करना या गुप्त रूप से बात करना है। अर्थात अल्लाह अपने रसूलों को आदेश और निर्देश इस प्रकार देता है, जिसे कोई दूसरा व्यक्ति सुन नहीं सकता। जिसके तीन रूप होते हैं : प्रथम : रसूल के दिल में सीधे अपना ज्ञान भर दे। दूसरा : पर्दे के पीछे से बात करें, किंतु वह दिखाई न दे। तीसरा : फ़रिश्ते के द्वारा अपनी बात रसूल तक गुप्त रूप से पहुँचा दे। इनमें पहले और तीसरे रूप में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास वह़्य उतरती थी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 2)
តាហ្វសៀរជាភាសា​អារ៉ាប់ជាច្រេីន:
 
ការបកប្រែអត្ថន័យ អាយ៉ាត់: (51) ជំពូក​: សូរ៉ោះអាស្ហ់ស្ហ៊ូរ៉
សន្ទស្សន៍នៃជំពូក លេខ​ទំព័រ
 
ការបកប្រែអត្ថន័យគួរអាន - ការបកប្រែជាភាសាហិណ្ឌូ - សន្ទស្សន៍នៃការបកប្រែ

ការបកប្រែអត្ថន័យគម្ពីរគួរអានជាភាសាឥណ្ឌា ដោយលោកអាហ្សុីសុលហុក អាល់អ៊ូម៉ូរី

បិទ