വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഹിന്ദി വിവർത്തനം * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

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പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുൽ മുഅ്മിനൂൻ   ആയത്ത്:

सूरा अल्-मुमिनून

قَدْ اَفْلَحَ الْمُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
निश्चय सफल हो गए ईमान वाले।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
الَّذِیْنَ هُمْ فِیْ صَلَاتِهِمْ خٰشِعُوْنَ ۟ۙ
जो अपनी नमाज़ में विनम्रता अपनाने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ عَنِ اللَّغْوِ مُعْرِضُوْنَ ۟ۙ
और जो व्यर्थ चीज़ों[1] से मुँह मोड़ने वाले हैं।
1. अर्थात प्रत्येक व्यर्थ कार्य तथा कथन से। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : जो अल्लाह और प्रलय के दिन पर ईमान रखता है, वह अच्छी बात बोले, अन्यथा चुप रहे। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6019, मुस्लिम : 48)
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِلزَّكٰوةِ فٰعِلُوْنَ ۟ۙ
तथा जो ज़कात अदा करने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِفُرُوْجِهِمْ حٰفِظُوْنَ ۟ۙ
और जो अपने गुप्तांगों की रक्षा करने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِلَّا عَلٰۤی اَزْوَاجِهِمْ اَوْ مَا مَلَكَتْ اَیْمَانُهُمْ فَاِنَّهُمْ غَیْرُ مَلُوْمِیْنَ ۟ۚ
सिवाय अपनी पत्नियों या उन महिलाओं के जो उनके स्वामित्व में हैं, तो निःसंदेह वे निंदित नहीं हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَمَنِ ابْتَغٰی وَرَآءَ ذٰلِكَ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْعٰدُوْنَ ۟ۚ
फिर जो इसके अलावा तलाश करे, तो वही लोग सीमा का उल्लंघन करने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ لِاَمٰنٰتِهِمْ وَعَهْدِهِمْ رٰعُوْنَ ۟ۙ
और जो अपनी अमानतों तथा अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रखने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ عَلٰی صَلَوٰتِهِمْ یُحَافِظُوْنَ ۟ۘ
तथा जो अपनी नमाज़ों की रक्षा करते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْوٰرِثُوْنَ ۟ۙ
यही लोग हैं, जो वारिस (उत्तराधिकारी) हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
الَّذِیْنَ یَرِثُوْنَ الْفِرْدَوْسَ ؕ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
जो फ़िरदौस[2] के वारिस होंगे, वे उसमें हमेशा रहने वाले हैं।
2. फ़िरदौस, स्वर्ग का सर्वोच्च स्थान है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنْ سُلٰلَةٍ مِّنْ طِیْنٍ ۟ۚ
और निःसंदेह हमने मनुष्य को तुच्छ मिट्टी के एक सार से पैदा किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ جَعَلْنٰهُ نُطْفَةً فِیْ قَرَارٍ مَّكِیْنٍ ۪۟
फिर हमने उसे वीर्य बनाकर एक सुरक्षित स्थान[3] में रखा।
3. अर्थात गर्भाशय में।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ خَلَقْنَا النُّطْفَةَ عَلَقَةً فَخَلَقْنَا الْعَلَقَةَ مُضْغَةً فَخَلَقْنَا الْمُضْغَةَ عِظٰمًا فَكَسَوْنَا الْعِظٰمَ لَحْمًا ۗ— ثُمَّ اَنْشَاْنٰهُ خَلْقًا اٰخَرَ ؕ— فَتَبٰرَكَ اللّٰهُ اَحْسَنُ الْخٰلِقِیْنَ ۟ؕ
फिर हमने उस वीर्य को एक जमा हुआ रक्त बनाया, फिर हमने उस जमे हुए रक्त को एक बोटी बनाया, फिर हमने उस बोटी को हड्डियाँ बनाया, फिर हमने उन हड्डियों को कुछ माँस पहनाया, फिर हमने उसे एक अन्य रूप में पैदा कर दिया। तो बहुत बरकत वाला है अल्लाह, जो बनाने वालों में सबसे अच्छा है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اِنَّكُمْ بَعْدَ ذٰلِكَ لَمَیِّتُوْنَ ۟ؕ
फिर निःसंदेह तुम इसके पश्चात् अवश्य मरने वाले हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اِنَّكُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ تُبْعَثُوْنَ ۟
फिर निःसंदेह तुम क़ियामत के दिन उठाए जाओगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ خَلَقْنَا فَوْقَكُمْ سَبْعَ طَرَآىِٕقَ ۖۗ— وَمَا كُنَّا عَنِ الْخَلْقِ غٰفِلِیْنَ ۟
और निःसंदेह हमने तुम्हारे ऊपर सात आकाश बनाए और हम कभी सृष्टि से ग़ाफ़िल[4] नहीं।
4. अर्थात उत्पत्ति की आवश्यकता तथा जीवन के संसाधन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً بِقَدَرٍ فَاَسْكَنّٰهُ فِی الْاَرْضِ ۖۗ— وَاِنَّا عَلٰی ذَهَابٍ بِهٖ لَقٰدِرُوْنَ ۟ۚ
और हमने आकाश से एक अंदाज़े के साथ कुछ पानी उतारा, फिर उसे धरती में ठहराया और निश्चय हम उसे किसी भी तरह से ले जाने पर सामर्थ्यवान हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَنْشَاْنَا لَكُمْ بِهٖ جَنّٰتٍ مِّنْ نَّخِیْلٍ وَّاَعْنَابٍ ۘ— لَكُمْ فِیْهَا فَوَاكِهُ كَثِیْرَةٌ وَّمِنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟ۙ
फिर हमने तुम्हारे लिए उस (पानी) के द्वारा खजूरों तथा अंगूरों के बाग़ पैदा किए। तुम्हारे लिए उनमें बहुत-से फल हैं और तुम उन्ही में से खाते हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَشَجَرَةً تَخْرُجُ مِنْ طُوْرِ سَیْنَآءَ تَنْۢبُتُ بِالدُّهْنِ وَصِبْغٍ لِّلْاٰكِلِیْنَ ۟
तथा वह वृक्ष भी जो 'तूर सैना' (पर्वत) से निकलता है, जो तेल लेकर उगता है तथा खाने वालों के लिए एक तरह का सालन भी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنَّ لَكُمْ فِی الْاَنْعَامِ لَعِبْرَةً ؕ— نُسْقِیْكُمْ مِّمَّا فِیْ بُطُوْنِهَا وَلَكُمْ فِیْهَا مَنَافِعُ كَثِیْرَةٌ وَّمِنْهَا تَاْكُلُوْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह तुम्हारे लिए चौपायों में निश्चय बड़ी शिक्षा है। हम तुम्हें उसमें से जो उनके पेटों में[5] है, पिलाते हैं। तथा तुम्हारे लिए उनके अंदर बहुत-से लाभ हैं और उनमें से कुछ को तुम खाते हो।
5. अर्थात दूध।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَعَلَیْهَا وَعَلَی الْفُلْكِ تُحْمَلُوْنَ ۟۠
तथा उनपर और नावों पर तुम सवार किए जाते हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰی قَوْمِهٖ فَقَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हमने नूह़[6] को उसकी जाति की ओर भेजा। तो उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत करो। उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तो क्या तुम डरते नहीं?
6. यहाँ यह बताया जा रहा है कि अल्लाह ने जिस प्रकार तुम्हारे आर्थिक जीवन के साधन बनाए, उसी प्रकार तुम्हारे आत्मिक मार्गदर्शन की व्यवस्था की और रसूलों को भेजा जिनमें नूह़ अलैहिस्सलाम प्रथम रसूल थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَقَالَ الْمَلَؤُا الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ مَا هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۙ— یُرِیْدُ اَنْ یَّتَفَضَّلَ عَلَیْكُمْ ؕ— وَلَوْ شَآءَ اللّٰهُ لَاَنْزَلَ مَلٰٓىِٕكَةً ۖۚ— مَّا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِیْۤ اٰبَآىِٕنَا الْاَوَّلِیْنَ ۟ۚۖ
तो उनकी जाति के उन प्रमुखों ने कहा, जिन्होंने कुफ़्र किया : यह तो तुम्हारे ही जैसा एक मनुष्य है। जो चाहता है कि तुमपर वरीयता प्राप्त कर ले। और यदि अल्लाह चाहता, तो अवश्य कोई फ़रिश्ते उतार देता। हमने यह[7] अपने पहले बाप-दादा में नहीं सुना।
7. अर्थात एकेश्वरवाद की बात अपने पूर्वजों के समय में सुनी ही नहीं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنْ هُوَ اِلَّا رَجُلٌۢ بِهٖ جِنَّةٌ فَتَرَبَّصُوْا بِهٖ حَتّٰی حِیْنٍ ۟
यह तो बस एक उन्मादग्रस्त व्यक्ति है। अतः एक समय तक इसके बारे में प्रतीक्षा करो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ بِمَا كَذَّبُوْنِ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरी मदद कर, इसलिए कि इन्होंने मुझे झुठलाया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِ اَنِ اصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْیُنِنَا وَوَحْیِنَا فَاِذَا جَآءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُ ۙ— فَاسْلُكْ فِیْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَیْنِ اثْنَیْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَیْهِ الْقَوْلُ مِنْهُمْ ۚ— وَلَا تُخَاطِبْنِیْ فِی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۚ— اِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ۟
तो हमने उसकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की कि हमारी आँखों के सामने और हमारी वह़्य के अनुसार नौका बना। फिर जब हमारा आदेश आ जाए तथा तन्नूर उबल पड़े, तो प्रत्येक जीव का जोड़ा नर और मादा तथा अपने परिवार वालों को उसमें सवार कर ले, उनमें से उसके सिवाय जिसके बारे में पहले निर्णय हो चुका है। और मुझसे उनके बारे में बात न करना, जिन्होंने अत्याचार किया है। निश्चय वे डुबोए जाने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاِذَا اسْتَوَیْتَ اَنْتَ وَمَنْ مَّعَكَ عَلَی الْفُلْكِ فَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ نَجّٰىنَا مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
फिर जब तू और जो तेरे साथ हैं, नाव पर बैठ जाओ, तो कह : सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमें अत्याचारी लोगों से छुटकारा दिया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَقُلْ رَّبِّ اَنْزِلْنِیْ مُنْزَلًا مُّبٰرَكًا وَّاَنْتَ خَیْرُ الْمُنْزِلِیْنَ ۟
तथा तू कह : ऐ मेरे पालनहार! मुझे बरकत वाली जगह उतार और तू सब उतारने वालों से उत्तम है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ وَّاِنْ كُنَّا لَمُبْتَلِیْنَ ۟
निःसंदेह इसमें निश्चय कई निशानियाँ हैं तथा निःसंदेह हम निश्चय परीक्षा लेने वाले[8] हैं।
8. अर्थात रसूलों के द्वारा परीक्षा लेते रहे हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اَنْشَاْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ قَرْنًا اٰخَرِیْنَ ۟ۚ
फिर हमने उनके पश्चात् दूसरे समुदाय को पैदा किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَرْسَلْنَا فِیْهِمْ رَسُوْلًا مِّنْهُمْ اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟۠
फिर हमने उनके अंदर उन्हीं में से एक रसूल भेजा कि अल्लाह की इबादत करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तो क्या तुम डरते नहीं?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَقَالَ الْمَلَاُ مِنْ قَوْمِهِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِلِقَآءِ الْاٰخِرَةِ وَاَتْرَفْنٰهُمْ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۙ— مَا هٰذَاۤ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ ۙ— یَاْكُلُ مِمَّا تَاْكُلُوْنَ مِنْهُ وَیَشْرَبُ مِمَّا تَشْرَبُوْنَ ۟ۙ
और उसकी जाति के उन प्रमुखों ने, जिन्होंने कुफ़्र किया और आख़िरत की भेंट को झुठलाया, तथा हमने उन्हें सांसारिक जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान कर रखी थी, कहा : यह तो बस तुम्हारे ही जैसा एक इनसान है। जो उसमें से खाता है, जिसमें से तुम खाते हो और उसमें से पीता है, जो तुम पीते हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَىِٕنْ اَطَعْتُمْ بَشَرًا مِّثْلَكُمْ ۙ— اِنَّكُمْ اِذًا لَّخٰسِرُوْنَ ۟ۙ
और निःसंदेह यदि तुमने अपने ही जैसे एक मनुष्य का कहना मान लिया, तो निश्चय तुम उस समय अवश्य घाटा उठाने वाले होगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَیَعِدُكُمْ اَنَّكُمْ اِذَا مِتُّمْ وَكُنْتُمْ تُرَابًا وَّعِظَامًا اَنَّكُمْ مُّخْرَجُوْنَ ۟
क्या यह तुमसे वादा करता है कि जब तुम मर गए और धूल तथा हड्डियाँ बन गए, तो तुम निकाले जाने वाले हो?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
هَیْهَاتَ هَیْهَاتَ لِمَا تُوْعَدُوْنَ ۟
दूरी है, दूरी है उसके लिए जिसका तुमसे वादा किया जाता है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنْ هِیَ اِلَّا حَیَاتُنَا الدُّنْیَا نَمُوْتُ وَنَحْیَا وَمَا نَحْنُ بِمَبْعُوْثِیْنَ ۟
यह (जीवन) तो बस हमारा सांसारिक जीवन है। हम (यहीं) मरते और जीते हैं। और हम कभी उठाए जाने वाले नहीं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنْ هُوَ اِلَّا رَجُلُ ١فْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا وَّمَا نَحْنُ لَهٗ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
यह तो बस एक व्यक्ति है, जिसने अल्लाह पर एक झूठ गढ़ लिया है और हम कदापि उसे मानने वाले नहीं हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ رَبِّ انْصُرْنِیْ بِمَا كَذَّبُوْنِ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरी मदद कर, इसलिए कि इन्होंने मुझे झुठलाया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ عَمَّا قَلِیْلٍ لَّیُصْبِحُنَّ نٰدِمِیْنَ ۟ۚ
(अल्लाह ने) कहा : बहुत ही कम समय में ये अवश्य पछताएँगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَخَذَتْهُمُ الصَّیْحَةُ بِالْحَقِّ فَجَعَلْنٰهُمْ غُثَآءً ۚ— فَبُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
अन्ततः उन्हें चीख़ ने सत्य के साथ आ पकड़ा। तो हमने उन्हें कूड़ा-कर्कट बना दिया। तो दूरी हो अत्याचारियों के लिए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اَنْشَاْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ قُرُوْنًا اٰخَرِیْنَ ۟ؕ
फिर हमने उनके पश्चात् कई और युग के लोगों को पैदा किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مَا تَسْبِقُ مِنْ اُمَّةٍ اَجَلَهَا وَمَا یَسْتَاْخِرُوْنَ ۟ؕ
कोई समुदाय अपने निश्चित समय से न आगे बढ़ता है और न वे पीछे रहते हैं।[9]
9. अर्थात किसी जाति के विनाश का समय आ जाता है, तो एक क्षण की भी देर-सवेर नहीं होती।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اَرْسَلْنَا رُسُلَنَا تَتْرَا ؕ— كُلَّ مَا جَآءَ اُمَّةً رَّسُوْلُهَا كَذَّبُوْهُ فَاَتْبَعْنَا بَعْضَهُمْ بَعْضًا وَّجَعَلْنٰهُمْ اَحَادِیْثَ ۚ— فَبُعْدًا لِّقَوْمٍ لَّا یُؤْمِنُوْنَ ۟
फिर हमने अपने रसूल निरंतर भेजे। जब कभी किसी समुदाय के पास उसका रसूल आया, तो उसके लोगों ने उसे झुठला दिया। तो हमने उनमें से कुछ को कुछ के पीछे चलता किया[10] और उन्हें कहानियाँ बना दिया। तो दूरी हो उन लोगों के लिए, जो ईमान नहीं लाते।
10. अर्थात विनाश में।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی وَاَخَاهُ هٰرُوْنَ ۙ۬— بِاٰیٰتِنَا وَسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
फिर हमने मूसा तथा उसके भाई हारून को अपनी निशानियों तथा स्पष्ट तर्क के साथ भेजा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَاسْتَكْبَرُوْا وَكَانُوْا قَوْمًا عَالِیْنَ ۟ۚ
फ़िरऔन और उसके सरदारों की ओर। तो उन्होंने घमंड किया और वे सरकश लोग थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَقَالُوْۤا اَنُؤْمِنُ لِبَشَرَیْنِ مِثْلِنَا وَقَوْمُهُمَا لَنَا عٰبِدُوْنَ ۟ۚ
उन्होंने कहा : क्या हम अपने जैसे दो व्यक्तियों पर ईमान ले आएँ , जबकि उनके लोग हमारे दास हैं?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَكَذَّبُوْهُمَا فَكَانُوْا مِنَ الْمُهْلَكِیْنَ ۟
तो उन्होंने दोनों को झुठला दिया, तो वे विनष्ट किए गए लोगों में से हो गए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ لَعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟
और निःसंदेह हमने मूसा को पुस्तक[11] प्रदान की, ताकि वे (लोग) मार्गदर्शन पा जाएँ।
11. अर्थात तौरात।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَجَعَلْنَا ابْنَ مَرْیَمَ وَاُمَّهٗۤ اٰیَةً وَّاٰوَیْنٰهُمَاۤ اِلٰی رَبْوَةٍ ذَاتِ قَرَارٍ وَّمَعِیْنٍ ۟۠
और हमने मरयम के पुत्र (ईसा) तथा उसकी माँ को महान निशानी बनाया तथा दोनों को एक ऊँची भूमि[12] पर ठिकाना दिया, जो रहने के योग्य तथा प्रवाहित पानी वाली थी।
12. इससे अभिप्राय बैतुल मक़्दिस है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یٰۤاَیُّهَا الرُّسُلُ كُلُوْا مِنَ الطَّیِّبٰتِ وَاعْمَلُوْا صَالِحًا ؕ— اِنِّیْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ عَلِیْمٌ ۟ؕ
ऐ रसूलो! पाक चीज़ों[13] में से खाओ तथा अच्छे कर्म करो। निश्चय मैं उससे भली-भाँति अवगत हूँ, जो तुम करते हो।
13. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : अल्लाह पाक है और पाक (हलाल) चीज़ ही को स्वीकार करता है। और ईमान वालों को वही आदेश दिया है जो रसूलों को दिया है। फिर आपने यही आयत पढ़ी। (संक्षिप्त अनुवाद मुस्लिम : 1015)
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنَّ هٰذِهٖۤ اُمَّتُكُمْ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّاَنَا رَبُّكُمْ فَاتَّقُوْنِ ۟
और निःसंदेह यह तुम्हारा समुदाय (धर्म) एक ही समुदाय (धर्म) है और मैं तुम सबका पालनहार (पूज्य) हूँ। अतः मुझसे डरो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَتَقَطَّعُوْۤا اَمْرَهُمْ بَیْنَهُمْ زُبُرًا ؕ— كُلُّ حِزْبٍۭ بِمَا لَدَیْهِمْ فَرِحُوْنَ ۟
फिर वे अपने मामले (धर्म) में परस्पर कई समूहों में विभाजित होकर टुकड़े-टुकड़े हो गए। प्रत्येक समूह के लोग उसी पर खुश हैं, जो उनके पास[14] है।
14. इन आयतों में कहा गया है कि सब रसूलों ने यही शिक्षा दी है कि स्वच्छ पवित्र चीज़ें खाओ और सत्कर्म करो। तुम्हारा पालनहार एक है और तुम सभी का धर्म एक है। परंतु लोगों ने धर्म में विभेद करके बहुत से संप्रदाय बना लिए, और अब प्रत्येक संप्रदाय अपने विश्वास तथा कर्म में मग्न है, भले ही वह सत्य से दूर हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَذَرْهُمْ فِیْ غَمْرَتِهِمْ حَتّٰی حِیْنٍ ۟
अतः (ऐ नबी!) आप उन्हें एक समय तक उनकी अचेतना में छोड़ दें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَیَحْسَبُوْنَ اَنَّمَا نُمِدُّهُمْ بِهٖ مِنْ مَّالٍ وَّبَنِیْنَ ۟ۙ
क्या वे समझते हैं कि हम धन और संतान में से जिन चीज़ों के साथ उनकी सहायता कर रहे हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
نُسَارِعُ لَهُمْ فِی الْخَیْرٰتِ ؕ— بَلْ لَّا یَشْعُرُوْنَ ۟
हम उन्हें भलाइयाँ देने में जल्दी कर रहे हैं? बल्कि वे नहीं समझते।[15]
15. अर्थात यह कि हम उन्हें अवसर दे रहे हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّ الَّذِیْنَ هُمْ مِّنْ خَشْیَةِ رَبِّهِمْ مُّشْفِقُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह वे लोग जो अपने पालनहार के भय से डरने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ بِاٰیٰتِ رَبِّهِمْ یُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
और वे जो अपने पालनहार की आयतों पर ईमान रखते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ هُمْ بِرَبِّهِمْ لَا یُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
और वे जो अपने पालनहार का साझी नहीं बनाते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَالَّذِیْنَ یُؤْتُوْنَ مَاۤ اٰتَوْا وَّقُلُوْبُهُمْ وَجِلَةٌ اَنَّهُمْ اِلٰی رَبِّهِمْ رٰجِعُوْنَ ۟ۙ
और वे लोग कि जो कुछ भी दें, इस हाल में देते हैं कि उनके दिल डरने वाले होते हैं कि वे अपने पालनहार ही की ओर लौटने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اُولٰٓىِٕكَ یُسٰرِعُوْنَ فِی الْخَیْرٰتِ وَهُمْ لَهَا سٰبِقُوْنَ ۟
यही लोग हैं, जो भलाइयों में जल्दी करते हैं और यही लोग उनकी तरफ़ आगे बढ़ने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَا نُكَلِّفُ نَفْسًا اِلَّا وُسْعَهَا وَلَدَیْنَا كِتٰبٌ یَّنْطِقُ بِالْحَقِّ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
और हम किसी प्राणी पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालते। तथा हमारे पास एक पुस्तक है, जो सत्य के साथ बोलती है। और उनपर अत्याचार नहीं किया[16] जाएगा।
16. अर्थात प्रत्येक का कर्म-लेख है, जिसके अनुसार ही उसे बदला दिया जाएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
بَلْ قُلُوْبُهُمْ فِیْ غَمْرَةٍ مِّنْ هٰذَا وَلَهُمْ اَعْمَالٌ مِّنْ دُوْنِ ذٰلِكَ هُمْ لَهَا عٰمِلُوْنَ ۟
बल्कि उनके दिल इससे अचेत हैं तथा इसके सिवा भी उनके कई काम हैं। वे उन्हीं को करने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
حَتّٰۤی اِذَاۤ اَخَذْنَا مُتْرَفِیْهِمْ بِالْعَذَابِ اِذَا هُمْ یَجْـَٔرُوْنَ ۟ؕ
यहाँ तक कि जब हम उनके सुखी लोगों को यातना में पकड़ेंगे, तो वे बिलबिलाने लगेंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لَا تَجْـَٔرُوا الْیَوْمَ ۫— اِنَّكُمْ مِّنَّا لَا تُنْصَرُوْنَ ۟
आज मत बिलबिलाओ। निःसंदेह तुम्हें हमारी ओर से कोई सहायता नहीं मिलेगी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَدْ كَانَتْ اٰیٰتِیْ تُتْلٰی عَلَیْكُمْ فَكُنْتُمْ عَلٰۤی اَعْقَابِكُمْ تَنْكِصُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह मेरी आयतें तुम्हें सुनाई जाती थीं, तो तुम अपनी एड़ियों के बल फिर जाया करते थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مُسْتَكْبِرِیْنَ ۖۚۗ— بِهٖ سٰمِرًا تَهْجُرُوْنَ ۟
अभिमान करते हुए, रात को बातें करते हुए उसके बारे में अनर्थ बकते थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَفَلَمْ یَدَّبَّرُوا الْقَوْلَ اَمْ جَآءَهُمْ مَّا لَمْ یَاْتِ اٰبَآءَهُمُ الْاَوَّلِیْنَ ۟ؗ
तो क्या उन्होंने इस वाणी (क़ुरआन) पर विचार नहीं किया, अथवा उनके पास वह चीज़[17] आई है, जो उनके पहले बाप-दादा के पास नहीं आई?
17. अर्थात् कुरआन तथा रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम। इसपर तो इन्हें अल्लाह का कृतज्ञ होना और इसे स्वीकार करना चाहिए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَمْ لَمْ یَعْرِفُوْا رَسُوْلَهُمْ فَهُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ۟ؗ
या उन्होंने अपने रसूल को नहीं पहचाना, इस कारण वे उसका इनकार कर रहे[18] हैं?
18. इसमें चेतावनी है कि वे अपने रसूल की सत्यता, अमानत तथा उनके चरित्र और वंश से भली भाँति अवगत हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ بِهٖ جِنَّةٌ ؕ— بَلْ جَآءَهُمْ بِالْحَقِّ وَاَكْثَرُهُمْ لِلْحَقِّ كٰرِهُوْنَ ۟
या वे कहते हैं कि उसे कोई पागलपन हैं। बल्कि वह तो उनके पास सत्य लेकर आए हैं और उनमें से अधिकांश लोग सत्य को बुरा जानने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَوِ اتَّبَعَ الْحَقُّ اَهْوَآءَهُمْ لَفَسَدَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهِنَّ ؕ— بَلْ اَتَیْنٰهُمْ بِذِكْرِهِمْ فَهُمْ عَنْ ذِكْرِهِمْ مُّعْرِضُوْنَ ۟ؕ
और यदि सत्य उनकी इच्छाओं के पीछे चले, तो निश्चय सब आकाश और धरती और जो कोई उनमें है, सब बिगड़ जाएँ। बल्कि हम उनके पास उनकी नसीह़त लेकर आए हैं। ते वे अपनी नसीह़त से मुँह मोड़ने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَمْ تَسْـَٔلُهُمْ خَرْجًا فَخَرَاجُ رَبِّكَ خَیْرٌ ۖۗ— وَّهُوَ خَیْرُ الرّٰزِقِیْنَ ۟
(ऐ नबी!) क्या आप उनसे कोई पारिश्रमिक माँग रहे हैं? तो आपके पालनहार का पारिश्रमिक उत्तम है और वह सब रोज़ी देने वालों से उत्तम है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنَّكَ لَتَدْعُوْهُمْ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
निःसंदेह आप तो उन्हें सीधे रास्ते की ओर बुलाते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنَّ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ عَنِ الصِّرَاطِ لَنٰكِبُوْنَ ۟
और निःसंदेह जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते, निश्चय वे सीधे रास्ते से हटने वाले हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَوْ رَحِمْنٰهُمْ وَكَشَفْنَا مَا بِهِمْ مِّنْ ضُرٍّ لَّلَجُّوْا فِیْ طُغْیَانِهِمْ یَعْمَهُوْنَ ۟
और यदि हम उनपर दया करें और जिस कष्ट[19] से वे पीड़ित हैं, उसे दूर कर दें, तो भी वे निश्चय अपनी सरकशी में दृढ़ता से बने रहेंगे इस हाल में कि भटक रहे होंगे।
20. इससे अभिप्राय वह अकाल है जो मक्का के काफ़िरों पर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की अवज्ञा के कारण आ पड़ा था। (देखिए : बुख़ारी : 4823)
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ اَخَذْنٰهُمْ بِالْعَذَابِ فَمَا اسْتَكَانُوْا لِرَبِّهِمْ وَمَا یَتَضَرَّعُوْنَ ۟
और निःसंदेह हमने उन्हें यातना में (भी) पकड़ा। फिर भी वे न अपने पालनहार के आगे झुके और न गिड़गिड़ाते थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
حَتّٰۤی اِذَا فَتَحْنَا عَلَیْهِمْ بَابًا ذَا عَذَابٍ شَدِیْدٍ اِذَا هُمْ فِیْهِ مُبْلِسُوْنَ ۟۠
यहाँ तक कि जब हमने उनपर कोई कठोर यातना[20] वाला द्वार खोल दिया, तो तुरंत वे उसमें निराश हो गए।[21]
20. कठोर यातना से अभिप्राय परलोक की यातना है। 21. अर्थात प्रत्येक भलाई से।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَهُوَ الَّذِیْۤ اَنْشَاَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟
और वही है, जिसने तुम्हारे लिए कान तथा आँखें और दिल बनाए।[22] तुम बहुत कम आभार प्रकट करते हो।
22. सत्य को सुनने, देखने और उसपर विचार करके उसे स्वीकार करने के लिए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَهُوَ الَّذِیْ ذَرَاَكُمْ فِی الْاَرْضِ وَاِلَیْهِ تُحْشَرُوْنَ ۟
और वही है, जिसने तुम्हें धरती में फैलाया और उसी की ओर तुम एकत्र किए जाओगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَهُوَ الَّذِیْ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ وَلَهُ اخْتِلَافُ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
तथा वही है, जो जीवित करता और मारता है और उसी के अधिकार में रात और दिन का बदलना है। तो क्या तुम नहीं समझते?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
بَلْ قَالُوْا مِثْلَ مَا قَالَ الْاَوَّلُوْنَ ۟
बल्कि उन्होंने वही बात कही, जो अगलों ने कही थी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْۤا ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : क्या जब हम मर जाएँगे और मिट्टी तथा हड्डियाँ हो जाएँगे, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لَقَدْ وُعِدْنَا نَحْنُ وَاٰبَآؤُنَا هٰذَا مِنْ قَبْلُ اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
निःसंदेह यही वादा हमसे और इससे पहले हमारे बाप-दादा से किया गया। यह तो पहले लोगों की कहानियों के सिवा कुछ नहीं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْ لِّمَنِ الْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهَاۤ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) उनसे कह दें : यह धरती और इसमें जो कोई भी है किसका है, यदि तुम जानते हो?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
वे कहेंगे : अल्लाह का है। आप कह दें : फिर क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْ مَنْ رَّبُّ السَّمٰوٰتِ السَّبْعِ وَرَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِیْمِ ۟
आप पूछिए : सातों आकाशों का स्वामी तथा महान सिंहासन (अर्श) का स्वामी कौन है?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
वे कहेंगे : अल्लाह ही के लिए है। आप कह दें : फिर क्या तुम डरते नहीं?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْ مَنْ بِیَدِهٖ مَلَكُوْتُ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُوَ یُجِیْرُ وَلَا یُجَارُ عَلَیْهِ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
आप उनसे कहिए : कौन है जिसके हाथ में हर चीज़ का अधिकार और वह शरण देता है और उसके मुक़ाबले में शरण नहीं दी जाती, यदि तुम जानते हो (तो बताओ)?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ فَاَنّٰی تُسْحَرُوْنَ ۟
वे बोल पड़ेंगे : अल्लाह के लिए है। आप कहिए : फिर तुम कहाँ से जादू[23] किए जाते हो?
23. अर्थात जब यह मानते हो कि सब अधिकार अल्लाह के हाथ में है और शरण भी वही देता है, तो फिर उसके साझी कहाँ से आ गए और उन्हें कहाँ से अधिकार मिल गया?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
بَلْ اَتَیْنٰهُمْ بِالْحَقِّ وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
बल्कि हम उनके पास पूर्ण सत्य लाए हैं और निःसंदेह वे निश्चय झूठे हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مَا اتَّخَذَ اللّٰهُ مِنْ وَّلَدٍ وَّمَا كَانَ مَعَهٗ مِنْ اِلٰهٍ اِذًا لَّذَهَبَ كُلُّ اِلٰهٍ بِمَا خَلَقَ وَلَعَلَا بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ ؕ— سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह ने न कोई संतान बनाई और न कभी उसके साथ कोई पूज्य था। उस समय अवश्य प्रत्येक पूज्य, जो कुछ उसने पैदा किया था, उसे लेकर चल देता और निश्चय उनमें से एक, दूसरे पर चढ़ाई कर देता। पवित्र है अल्लाह उससे, जो वे बयान करते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
عٰلِمِ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ فَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟۠
वह परोक्ष (छिपे) तथा प्रत्यक्ष (खुले) को जानने वाला है। सो वह बहुत ऊँचा है उससे, जो वे साझी बनाते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْ رَّبِّ اِمَّا تُرِیَنِّیْ مَا یُوْعَدُوْنَ ۟ۙ
(ऐ नबी!) आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! यदि तू कभी मुझे अवश्य ही वह (यातना) दिखाए, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
رَبِّ فَلَا تَجْعَلْنِیْ فِی الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
तो ऐ मेरे पालनहार! मुझे उन अत्याचारी लोगों में शामिल न करना।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنَّا عَلٰۤی اَنْ نُّرِیَكَ مَا نَعِدُهُمْ لَقٰدِرُوْنَ ۟
तथा निःसंदेह हम आपको वह (यातना) दिखाने में, जिसका हम उनसे वादा करते हैं, अवश्य सक्षम हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِدْفَعْ بِالَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ السَّیِّئَةَ ؕ— نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَصِفُوْنَ ۟
(हे नबी!) आप बुराई को उस ढंग से दूर करें, जो सबसे उत्तम हो। हम अधिक जानने वाले हैं, जो कुछ वे बयान करते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَقُلْ رَّبِّ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ هَمَزٰتِ الشَّیٰطِیْنِ ۟ۙ
तथा आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! मैं शैतानों की उकसाहटों से तेरी शरण चाहता हूँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَعُوْذُ بِكَ رَبِّ اَنْ یَّحْضُرُوْنِ ۟
तथा ऐ मेरे पालनहार! मैं इस बात से भी तेरी शरण माँगता हूँ कि वे मेरे पास आएँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَ اَحَدَهُمُ الْمَوْتُ قَالَ رَبِّ ارْجِعُوْنِ ۟ۙ
यहाँ तक कि जब उनमें से किसी के पास मौत आती है, तो कहता है : ऐ मेरे पालनहार! मुझे (संसार में) वापस भेजो।[24]
24. यहाँ मरण के समय काफ़िर की दशा को बताया जा रहा है। (इब्ने कसीर)
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لَعَلِّیْۤ اَعْمَلُ صَالِحًا فِیْمَا تَرَكْتُ كَلَّا ؕ— اِنَّهَا كَلِمَةٌ هُوَ قَآىِٕلُهَا ؕ— وَمِنْ وَّرَآىِٕهِمْ بَرْزَخٌ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟
ताकि मैं जो कुछ छोड़ आया हूँ, उसमें कोई नेक कार्य कर लूँ। हरगिज़ नहीं, यह तो मात्र एक बात है, जिसे वह कहने वाला[25] है और उनके पीछे उस दिन तक जब वे (पुनः) उठाए जाएँगे, एक ओट[26] है।
25. अर्थात उसके कथन का कोई प्रभाव नहीं होगा। 26. ओट जिसके लिए बर्ज़ख शब्द आया है, उस अवधि का नाम है जो मृत्यु तथा प्रलय के बीच होगी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاِذَا نُفِخَ فِی الصُّوْرِ فَلَاۤ اَنْسَابَ بَیْنَهُمْ یَوْمَىِٕذٍ وَّلَا یَتَسَآءَلُوْنَ ۟
फिर जब सूर (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी, तो उस दिन[27] उनके बीच न कोई रिश्ते-नाते होंगे और न वे एक-दूसरे को पूछेंगे।
27. अर्थात प्रलय के दिन। उस दिन भय के कारण सबको अपनी चिंता होगी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَمَنْ ثَقُلَتْ مَوَازِیْنُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟
फिर जिसके पलड़े भारी हो गए, वही लोग सफल हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَنْ خَفَّتْ مَوَازِیْنُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فِیْ جَهَنَّمَ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
और जिसके पलड़े हलके हो गए, तो वही लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला। जहन्नम ही में सदावासी होंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
تَلْفَحُ وُجُوْهَهُمُ النَّارُ وَهُمْ فِیْهَا كٰلِحُوْنَ ۟
उनके चेहरों को आग झुलसाएगी तथा उसमें उनके जबड़े (झुलसकर) बाहर निकले होंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَلَمْ تَكُنْ اٰیٰتِیْ تُتْلٰی عَلَیْكُمْ فَكُنْتُمْ بِهَا تُكَذِّبُوْنَ ۟
क्या मेरी आयतें तुमपर पढ़ी न जाती थीं, तो तुम उन्हें झुठलाया करते थे?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْا رَبَّنَا غَلَبَتْ عَلَیْنَا شِقْوَتُنَا وَكُنَّا قَوْمًا ضَآلِّیْنَ ۟
वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमारा दुर्भाग्य हमपर प्रभावी हो गया[28] और हम गुमराह लोग थे।
28. अर्थात अपने दुर्भाग्य के कारण हमने तेरी आयतों को अस्वीकार कर दिया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
رَبَّنَاۤ اَخْرِجْنَا مِنْهَا فَاِنْ عُدْنَا فَاِنَّا ظٰلِمُوْنَ ۟
ऐ हमारे पालनहार! हमें इससे निकाल ले। फिर यदि हम दोबारा ऐसा करें, तो निश्चय हम अत्याचारी होंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ اخْسَـُٔوْا فِیْهَا وَلَا تُكَلِّمُوْنِ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : इसी में अपमानित होकर पड़े रहो और मुझसे बात न करो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّهٗ كَانَ فَرِیْقٌ مِّنْ عِبَادِیْ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَاۤ اٰمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟ۚۖ
निःसंदेह मेरे बंदों में से कुछ लोग थे, जो कहते थे : ऐ हमारे पालनहार! हम ईमान ले आए। अतः तू हमें क्षमा कर दे और हमपर दया कर। और तू सब दया करने वालों से बेहतर है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاتَّخَذْتُمُوْهُمْ سِخْرِیًّا حَتّٰۤی اَنْسَوْكُمْ ذِكْرِیْ وَكُنْتُمْ مِّنْهُمْ تَضْحَكُوْنَ ۟
तो तुमने उन्हें मज़ाक़ बना लिया, यहाँ तक कि उन्होंने तुम्हें मेरी याद भुला दी और तुम उनसे हँसी किया करते थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنِّیْ جَزَیْتُهُمُ الْیَوْمَ بِمَا صَبَرُوْۤا ۙ— اَنَّهُمْ هُمُ الْفَآىِٕزُوْنَ ۟
निःसंदेह आज मैंने उन्हें उनके धैर्य का यह बदला दिया है कि वही सफल हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قٰلَ كَمْ لَبِثْتُمْ فِی الْاَرْضِ عَدَدَ سِنِیْنَ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : तुम धरती पर कितने वर्षों तक रहे?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْا لَبِثْنَا یَوْمًا اَوْ بَعْضَ یَوْمٍ فَسْـَٔلِ الْعَآدِّیْنَ ۟
वे कहेंगे : हम एक दिन या दिन का कुछ भाग रहे। आप गणना करने वालों से पूछ लें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قٰلَ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا قَلِیْلًا لَّوْ اَنَّكُمْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
वह (अल्लाह) कहेगा : तुम नहीं रहे परंतु थोड़ा ही। काश कि तुमने जानते होते।[29]
29. आयत का भावार्थ यह है कि यदि तुम यह जानते कि परलोक का जीवन स्थायी है तथा संसार का अस्थायी, तो आज तुम भी ईमान वालों के समान अल्लाह की आज्ञा का पालन करके सफल हो जाते, और अवज्ञा तथा दुष्कर्म न करते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَفَحَسِبْتُمْ اَنَّمَا خَلَقْنٰكُمْ عَبَثًا وَّاَنَّكُمْ اِلَیْنَا لَا تُرْجَعُوْنَ ۟
तो क्या तुमने समझ रखा था कि हमने तुम्हें उद्देश्यहीन पैदा किया है और यह कि तुम हमारी ओर नहीं लौटाए[30] जाओगे?
30. अर्थात परलोक में।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَتَعٰلَی اللّٰهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۚ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— رَبُّ الْعَرْشِ الْكَرِیْمِ ۟
तो बहुत ऊँचा है अल्लाह, जो सच्चा बादशाह है। उसके सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं, सम्मान वाले अर्श (सिंहासन) का रब है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَنْ یَّدْعُ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ۙ— لَا بُرْهَانَ لَهٗ بِهٖ ۙ— فَاِنَّمَا حِسَابُهٗ عِنْدَ رَبِّهٖ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الْكٰفِرُوْنَ ۟
और जो (भी) अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को पुकारे, जिसका उसके पास कोई प्रमाण नहीं, तो उसका हिसाब केवल उसके पालनहार के पास है। निःसंदेह काफ़िर लोग सफल नहीं होंगे।[31]
31. अर्थात परलोक में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं होगी, और न मुक्ति ही मिलेगी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَقُلْ رَّبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَاَنْتَ خَیْرُ الرّٰحِمِیْنَ ۟۠
तथा आप प्रार्थना करें : ऐ मेरे पालनहार! क्षमा कर दे और दया कर, और तू सब दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സൂറത്തുൽ മുഅ്മിനൂൻ
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഹിന്ദി വിവർത്തനം - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

വിശുദ്ധ ഖുർആൻ ആശയ വിവർത്തനം ഹിന്ദി ഭാഷയിൽ, അസീസുൽ ഹഖ് ഉമരി നിർവഹിച്ചത്.

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