पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

अर्थको अनुवाद श्लोक: (80) सूरः: सूरतु मरयम
وَّنَرِثُهٗ مَا یَقُوْلُ وَیَاْتِیْنَا فَرْدًا ۟
और हम उसके वारिस होंगे उन चीज़ों में जो वह कर रहा है और वह अकेला[18] हमारे पास आएगा।
18. इन आयतों के अवतरित होने का कारण यह बताया गया है कि ख़ब्बाब बिन अरत्त का आस बिन वायल (काफ़िर) पर कुछ ऋण था। जिसे वह माँगने के लिए गए, तो उसने कहा : मैं तुझे उस समय तक नहीं दूँगा जब तक मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ कुफ़्र नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह काम तो तू मरकर पुनः जीवित हो जाए, तब भी नहीं करूँगा। उसने कहा : क्या मैं मरने के पश्चात् पुनः जीवित किया जाऊँगा? ख़ब्बाब ने कहा : हाँ। आस ने कहा : वहाँ मुझे धन और संतान मिलेगी, तो तुम्हारा ऋण चुका दूँगा। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4732)
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (80) सूरः: सूरतु मरयम
अध्यायहरूको (सूरःहरूको) सूची رقم الصفحة
 
पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद - अनुवादहरूको सूची

पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

बन्द गर्नुस्