पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

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अर्थको अनुवाद श्लोक: (45) सूरः: सूरतुज्जुमर
وَاِذَا ذُكِرَ اللّٰهُ وَحْدَهُ اشْمَاَزَّتْ قُلُوْبُ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ ۚ— وَاِذَا ذُكِرَ الَّذِیْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِذَا هُمْ یَسْتَبْشِرُوْنَ ۟
तथा जब अकेले अल्लाह का ज़िक्र किया जाता है, तो उन लोगों के दिल संकीर्ण होने लगते हैं, जो आख़िरत[9] पर ईमान नहीं रखते तथा जब उसके सिवा अन्य पूज्यों का ज़िक्र आता है, तो वे सहसा प्रसन्न हो जाते हैं।
9. इसमें मुश्रिकों की दशा का वर्णन किया जा रहा है कि वे अल्लाह की महिमा और प्रेम को स्वीकार तो करते हैं, फिर भी जब अकेले अल्लाह की महिमा तथा प्रशंसा का वर्णन किया जाता है, तो प्रसन्न नहीं होते जब तक दूसरे पीरों-फ़क़ीरों तथा देवताओं के चमत्कार की चर्चा न की जाए।
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (45) सूरः: सूरतुज्जुमर
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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद - अनुवादहरूको सूची

पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

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