पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

अर्थको अनुवाद श्लोक: (101) सूरः: सूरतुन्निसा
وَاِذَا ضَرَبْتُمْ فِی الْاَرْضِ فَلَیْسَ عَلَیْكُمْ جُنَاحٌ اَنْ تَقْصُرُوْا مِنَ الصَّلٰوةِ ۖۗ— اِنْ خِفْتُمْ اَنْ یَّفْتِنَكُمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ؕ— اِنَّ الْكٰفِرِیْنَ كَانُوْا لَكُمْ عَدُوًّا مُّبِیْنًا ۟
और जब तुम धरती में यात्रा करो, तो नमाज़ क़स्र[67] (संक्षिप्त) करने में तुमपर कोई गुनाह नहीं है, यदि तुम्हें डर हो कि काफ़िर तुम्हें कष्ट पहुँचाएँगे। वास्तव में, काफ़िर तुम्हारे खुले दुश्मन हैं।
67. क़स्र का अर्थ चार रक्अत वाली नमाज़ को दो रक्अत पढ़ना है। यह अनुमति प्रत्येक यात्रा के लिए है, शत्रु का भय हो, या न हो।
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (101) सूरः: सूरतुन्निसा
अध्यायहरूको (सूरःहरूको) सूची رقم الصفحة
 
पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद - अनुवादहरूको सूची

पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

बन्द गर्नुस्