पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

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अर्थको अनुवाद श्लोक: (43) सूरः: सूरतु गाफिर
لَا جَرَمَ اَنَّمَا تَدْعُوْنَنِیْۤ اِلَیْهِ لَیْسَ لَهٗ دَعْوَةٌ فِی الدُّنْیَا وَلَا فِی الْاٰخِرَةِ وَاَنَّ مَرَدَّنَاۤ اِلَی اللّٰهِ وَاَنَّ الْمُسْرِفِیْنَ هُمْ اَصْحٰبُ النَّارِ ۟
निःसंदेह तुम जिसकी ओर मुझे बुला रहे हो, वह न तो दुनिया में पुकारे जाने के योग्य[11] है और न आख़िरत में। तथा यह कि निश्चय हमारा लौटना अल्लाह की ओर है और यह कि निश्चय हद से आगे बढ़ने वाले ही, आग में रहने वाले हैं।
11. क्योंकि लोक तथा परलोक में कोई सहायता नही कर सकते। (देखिए : सूरत-फ़ातिर, आयत : 140, तथा सूरतुल-ह़्क़ाफ़, आयत : 5)
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (43) सूरः: सूरतु गाफिर
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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद - अनुवादहरूको सूची

पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

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