पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

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अर्थको अनुवाद श्लोक: (67) सूरः: सूरतु गाफिर
هُوَ الَّذِیْ خَلَقَكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ مِنْ نُّطْفَةٍ ثُمَّ مِنْ عَلَقَةٍ ثُمَّ یُخْرِجُكُمْ طِفْلًا ثُمَّ لِتَبْلُغُوْۤا اَشُدَّكُمْ ثُمَّ لِتَكُوْنُوْا شُیُوْخًا ۚ— وَمِنْكُمْ مَّنْ یُّتَوَفّٰی مِنْ قَبْلُ وَلِتَبْلُغُوْۤا اَجَلًا مُّسَمًّی وَّلَعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
वही है, जिसने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, फिर वीर्य से, फिर जमे हुए रक्त से। फिर वह तुम्हें बच्चे के रूप में निकालता है। फिर (बड़ा करता है) ताकि तुम अपनी पूरी शक्ति को पहुँचो, फिर ताकि तुम बूढ़े हो जाओ, तथा तुममें कुछ इससे पहले ही मर जाते हैं। और (यह इसलिए होता है) ताकि तुम अपनी निश्चित आयु को पहुँच जाओ, तथा ताकि तुम समझो।[20]
20. अर्थात तुम यह समझो कि जो अल्लाह तुम्हें अस्तित्व में लाता है तथा गर्भ से लेकर आयु पूरी होने तक तुम्हारा पालन-पोषण करता है, तुम स्वयं अपने जीवन और मरण के विषय में कोई अधिकार नहीं रखते, तो फिर तुम्हें इबादत भी उसी एक की करनी चाहिए। यही समझ-बूझ का निर्णय है।
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (67) सूरः: सूरतु गाफिर
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पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

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