पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

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अर्थको अनुवाद श्लोक: (94) सूरः: सूरतुल् अअराफ
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا فِیْ قَرْیَةٍ مِّنْ نَّبِیٍّ اِلَّاۤ اَخَذْنَاۤ اَهْلَهَا بِالْبَاْسَآءِ وَالضَّرَّآءِ لَعَلَّهُمْ یَضَّرَّعُوْنَ ۟
तथा हमने जिस बस्ती में भी कोई नबी भेजा, तो उसके वासियों को तंगी और कष्ट से ग्रस्त कर दिया ताकि वे गिड़गिड़ाएँ।[37]
37. आयत का भावार्थ यह है कि सभी नबी अपनी जाति में पैदा हुए। सब अकेले धर्म का प्रचार करने के लिए आए। और सबका उपदेश एक था कि अल्लाह की इबादत करो, उसके सिवा कोई पूज्य नहीं। सबने सत्कर्म की प्रेर्णा दी, और कुकर्म के दुष्परिणाम से सावधान किया। सबका साथ निर्धनों तथा निर्बलों ने दिया। प्रमुखों और बड़ों ने उनका विरोध किया। नबियों का विरोध भी उन्हें धमकी तथा दुःख देकर किया गया। और सबका परिणाम भी एक प्रकार हुआ, अर्थात उनको अल्लाह की यातना ने घेर लिया। और यही सदा इस संसार में अल्लाह का नियम रहा है।
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (94) सूरः: सूरतुल् अअराफ
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पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

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