पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद * - अनुवादहरूको सूची

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अर्थको अनुवाद श्लोक: (5) सूरः: सूरतुल् इन्शिकाक
وَاَذِنَتْ لِرَبِّهَا وَحُقَّتْ ۟ؕ
और अपने पालनहार के आदेश पर कान लगाएगी और यही उसके योग्य है।[1]
1. (1-5) इन आयतों में प्रलय के समय आकाश एवं धरती में जो हलचल होगी उसका चित्रण करते हुए यह बताया गया है कि इस ब्रह्मांड के विधाता के आज्ञानुसार ये आकाश और धरती कार्यरत हैं और प्रलय के समय भी उसी की आज्ञा का पालन करेंगे। धरती को फैलाने का अर्थ यह है कि पर्वत आदि खंड-खंड होकर समस्त भूमि चौरस कर दी जाएगी।
अरबी व्याख्याहरू:
 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (5) सूरः: सूरतुल् इन्शिकाक
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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - हिन्दी अनुवाद - अनुवादहरूको सूची

पवित्र कुर्आनको अर्थको हिन्दी भाषामा अनुवाद, अनुवादक : अजीजुल हक्क अल् उमरी ।

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