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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:

हूद

ߝߐߘߊ ߟߊߢߌߣߌ߲ ߘߏ߫:
تثبيت النبي والمؤمنين بقصص الأنبياء السابقين، وتشديد الوعيد للمكذبين.
पिछले नबियों की कहानियों के साथ नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और मोमिनों का सुदृढीकरण तथा झुठलाने वालों को दंड की सख़्त धमकी।

الٓرٰ ۫— كِتٰبٌ اُحْكِمَتْ اٰیٰتُهٗ ثُمَّ فُصِّلَتْ مِنْ لَّدُنْ حَكِیْمٍ خَبِیْرٍ ۟ۙ
(अलिफ़, लाम, रा) इस प्रकार के अक्षरों के बारे में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात गुज़र चुकी है। क़ुरआन एक ऐसी किताब है, जिसकी आयतें संरचना और अर्थ के रूप से सुदृढ़ की गई हैं। अतः आप उनमें किसी प्रकार का विकार (दोष) और कमी नहीं पाएँगे। फिर हलाल व हराम, आदेश व निषेध, वादा व धमकी, कहानियों और अन्य बातों का उल्लेख करके उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है। यह क़ुरआन उस अल्लाह की ओर से है, जो अपने प्रबंधन और विधान में हिकमत वाला है, अपने बंदों की स्थितियों और उनका सुधार करने वाली चीज़ों को जानने वाला है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنَّنِیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ وَّبَشِیْرٌ ۟ۙ
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित होने वाली इन आयतों का विषयवस्तु : बंदों को अल्लाह के साथ किसी अन्य की इबादत करने से मना करना है। (ऐ लोगो!) निःसंदेह मैं तुम्हें अल्लाह की यातना से डराने वाला हूँ, यदि तुमने उसके साथ कुफ़्र किया और उसकी अवज्ञा की, तथा मैं तुम्हें उसके सवाब की शुभ सूचना देने वाला हूँ, यदि तुम उसपर ईमान लाए और उसकी शरीयत के अनुसार कार्य करते रहे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَّاَنِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ یُمَتِّعْكُمْ مَّتَاعًا حَسَنًا اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی وَّیُؤْتِ كُلَّ ذِیْ فَضْلٍ فَضْلَهٗ ؕ— وَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ كَبِیْرٍ ۟
(ऐ लोगो!) अपने पालनहार से अपने पापों की क्षमा माँगो और तुमने उसके हक़ में जो कोताही की है, उसपर पश्चाताप करते हुए उसकी ओर पलट आओ। वह तुम्हें तुम्हारे सांसारिक जीवन में तुम्हारी निश्चित अवधि के समाप्त होने तक उत्तम सामग्री प्रदान करेगा, और हर उस व्यक्ति को जो अतिरिक्त आज्ञाकारिता और सत्कर्म करता है, उसके अतिरिक्त कार्य का संपूर्ण प्रतिकार प्रदान करेगा, उसमें कोई कमी नहीं करेगा। लेकिन यदि तुम उस बात पर ईमान लाने से उपेक्षा करते हो, जो मैं अपने पालनहार की ओर से लेकर आया हूँ, तो मैं तुमपर एक भयानक दिन की यातना से डरता हूँ, और वह क़ियामत का दिन है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اِلَی اللّٰهِ مَرْجِعُكُمْ ۚ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
क़ियामत के दिन (ऐ लोगो!) तुम्हें केवल अल्लाह की ओर पलटना है, और पवित्र अल्लाह हर चीज़ की शक्ति रखता है, कोई चीज़ उसे विवश नहीं कर सकती। अतः तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें जीवित करके उठाना और तुम्हारा हिसाब व किताब लेना उसे विवश नहीं कर सकता।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
اَلَاۤ اِنَّهُمْ یَثْنُوْنَ صُدُوْرَهُمْ لِیَسْتَخْفُوْا مِنْهُ ؕ— اَلَا حِیْنَ یَسْتَغْشُوْنَ ثِیَابَهُمْ ۙ— یَعْلَمُ مَا یُسِرُّوْنَ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۚ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
सुन लो! निःसंदेह ये बहुदेववादी अपने सीनों को मोड़ लेते हैं, ताकि वे अपने सीनों में मौजूद संदेह को अल्लाह से छिपा सकें, वे उससे अनभिज्ञ होने के कारण ऐसा करते हैं। सुनो! जब वे अपने सिर को अपने कपड़ों से ढक लेते हैं, तो अल्लाह जानता है जो कुछ वे छिपाते हैं और जो कुछ वे प्रकट करते हैं। निःसंदेह वह सीनों की छिपाई हुई चीज़ों को भी जानता है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• إن الخير والشر والنفع والضر بيد الله دون ما سواه.
• निःसंदेह भलाई और बुराई तथा लाभ एवं हानि केवल अल्लाह के हाथ में है, किसी और के अधिकार में नहीं है।

• وجوب اتباع الكتاب والسُّنَّة والصبر على الأذى وانتظار الفرج من الله.
• क़ुरआन और सुन्नत का पालन करना, तकलीफ़ व नुकसान के समय धैर्य रखना और अल्लाह की ओर से आसानी व राहत की प्रतीक्षा करना अनिवार्य है।

• آيات القرآن محكمة لا يوجد فيها خلل ولا باطل، وقد فُصِّلت الأحكام فيها تفصيلًا تامَّا.
• क़ुरआन की आयतें सुदृढ़ हैं, उनमें कोई दोष व विकार और असत्य बात नहीं पाई जाती है और उनमें अहकाम (धार्मिक प्रावधानों) को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है।

• وجوب المسارعة إلى التوبة والندم على الذنوب لنيل المطلوب والنجاة من المرهوب.
वांछित चीज़ को प्राप्त करने तथा भयावह एवं अप्रिय चीज़ से बचने के लिए पापों से तौबा करने और उनपर पछतावा करने में जल्दी करना चाहिए।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

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