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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
وَیَصْنَعُ الْفُلْكَ ۫— وَكُلَّمَا مَرَّ عَلَیْهِ مَلَاٌ مِّنْ قَوْمِهٖ سَخِرُوْا مِنْهُ ؕ— قَالَ اِنْ تَسْخَرُوْا مِنَّا فَاِنَّا نَسْخَرُ مِنْكُمْ كَمَا تَسْخَرُوْنَ ۟ؕ
नूह अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के आदेश का पालन किया और नाव बनाना आरंभ कर दिया। जब भी उनकी जाति के प्रमुख और सरदार लोग उनके पास से गुज़रते, तो वे इस कारण उन्हें नाव बनाते हुए देखकर मज़ाक उड़ाते कि उनकी भूमि में पानी या नदियाँ नहीं हैं। जब वे बार-बार उनका मज़ाक उड़ाने लगे तो नूह़ अलैहिस्सलाम ने कहा : (ऐ मेरी जाति के सरदारो) यदि तुम आज हमारे नाव बनाने का मज़ाक उड़ाते हो, तो हम भी इस बात पर तुम्हारा मज़ाक़ उड़ाते हैं कि तुम अपने अंजाम अर्थात डूबकर मरने से बेख़बर हो।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۙ— مَنْ یَّاْتِیْهِ عَذَابٌ یُّخْزِیْهِ وَیَحِلُّ عَلَیْهِ عَذَابٌ مُّقِیْمٌ ۟
तो तुम्हें शीघ्र ही मालूम हो जाएगा कि कौन है जिसपर इस दुनिया में वह यातना आती है जो उसे अपमानित और तिरस्कृत कर देती है तथा क़ियामत के दिन उसपर स्थायी यातना उतरेगी।
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حَتّٰۤی اِذَا جَآءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُ ۙ— قُلْنَا احْمِلْ فِیْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَیْنِ اثْنَیْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَیْهِ الْقَوْلُ وَمَنْ اٰمَنَ ؕ— وَمَاۤ اٰمَنَ مَعَهٗۤ اِلَّا قَلِیْلٌ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने उस नाव को बनाने का काम संपन्न कर लिया, जिसे अल्लाह ने उन्हें बनाने का आदेश दिया था, यहाँ तक कि जब उनकी क़ौम को विनष्ट करने का हमारा आदेश आ गया, और तूफ़ान (बाढ़) की शुरुआत की सूचना के तौर पर उस तन्नूर से पानी उबल पड़ा, जिसमें वे रोटियाँ पकाया करते थे, तो हमने नूह अलैहिस्सलाम से कहा : धरती पर पाए जाने वाले हर प्रकार के जीव का एक-एक जोड़ा; नर और मादा नाव में सवार कर लो। और अपने परिवार को भी उसमें चढ़ा लो, सिवाय उसके, जिसेके बारे में यह निर्णय हो चुका है कि वह डुबाया जाने वाला है, क्योंकि वह ईमान नहीं लाया। तथा अपनी जाति के हर उस व्यक्ति को सवार कर लो, जो तुम्हारे साथ ईमान लाया है। और उनकी जाति के बहुत कम ही लोग उनके साथ ईमान लाए थे। हालाँकि वह एक लंबी अवधि तक उनके बीच रहकर ईमान की ओर बुलाते रहे।
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وَقَالَ ارْكَبُوْا فِیْهَا بِسْمِ اللّٰهِ مَجْرٖىهَا وَمُرْسٰىهَا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और नूह ने अपनी जाति तथा अपने परिवार के ईमान लाने वाले लोगों को संबोधित करते हुए कहा : तुम लोग नाव में सवार हो जाओ। अल्लाह ही के नाम से इसका चलना और उसी के नाम से इसका ठहरना है। निःसंदेह मेरा पालनहार अपने तौबा करने वाले बंदों के गुनाहों को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है। और मोमिनों पर उसकी दया ही का नतीजा है कि उसने उन्हें विनाश से बचा लिया।
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وَهِیَ تَجْرِیْ بِهِمْ فِیْ مَوْجٍ كَالْجِبَالِ ۫— وَنَادٰی نُوْحُ ١بْنَهٗ وَكَانَ فِیْ مَعْزِلٍ یّٰبُنَیَّ ارْكَبْ مَّعَنَا وَلَا تَكُنْ مَّعَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
और नाव उसपर सवार लोगों तथा अन्य चीज़ों को लेकर पर्वतों जैसी ऊँची-ऊँची लहरों में चलने लगी। नूह अलैहिस्सलाम ने पितृत्व की भावना से अपने काफ़िर पुत्र को पुकारा, जबकि वह अपने पिता तथा अपने समुदाय से अलग-थलग था : ऐ बेटे! हमारे संग नाव में सवार हो जा, ताकि तू डूबने से बच जाए और काफिरों के साथ न रह, कहीं तू भी उनके साथ डूबकर न मर जाए।
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قَالَ سَاٰوِیْۤ اِلٰی جَبَلٍ یَّعْصِمُنِیْ مِنَ الْمَآءِ ؕ— قَالَ لَا عَاصِمَ الْیَوْمَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ اِلَّا مَنْ رَّحِمَ ۚ— وَحَالَ بَیْنَهُمَا الْمَوْجُ فَكَانَ مِنَ الْمُغْرَقِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम के पुत्र ने उनसे कहा : मैं किसी ऊँचे पर्वत की शरण ले लूँगा, ताकि मुझ तक पानी न पहुँच सके। नूह ने अपने बेटे से कहा : आज तूफ़ान (बाढ़) में डूबकर हलाक होने के अल्लाह के अज़ाब से बचाने वाला कोई नहीं, सिवाय इसके कि परम दयालु अल्लाह जिसे चाहे अपनी दया का पात्र बना ले, तो वह उसे डूबने से बचा लेगा। फिर लहर ने नूह और उनके काफ़िर बेटे को एक-दूसरे से अलग कर दिया। चुनाँचे उनका बेटा अपने कुफ़्र के कारण तूफ़ान (बाढ़) में डुबा दिए गए लोगों में से हो गया।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَقِیْلَ یٰۤاَرْضُ ابْلَعِیْ مَآءَكِ وَیٰسَمَآءُ اَقْلِعِیْ وَغِیْضَ الْمَآءُ وَقُضِیَ الْاَمْرُ وَاسْتَوَتْ عَلَی الْجُوْدِیِّ وَقِیْلَ بُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब तूफ़ान थम गया, तो अल्लाह ने धरती से कहा : ऐ धरती! तेरे ऊपर जो बाढ़ का पानी है, उसे पी जा। और आकाश से कहा : ऐ आकाश! तू थम जा और पानी मत बरसा। चुनाँचे पानी कम हो गया, यहाँ तक कि धरती सूख गई। अल्लाह ने काफिरों को विनष्ट कर दिया। नाव जूदी पर्वत पर ठहर गई और कहा गया : उन लोगों के लिए दूरी और विनाश है, जो कुफ्र के द्वारा अल्लाह की सीमाओं को लाँघते हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
وَنَادٰی نُوْحٌ رَّبَّهٗ فَقَالَ رَبِّ اِنَّ ابْنِیْ مِنْ اَهْلِیْ وَاِنَّ وَعْدَكَ الْحَقُّ وَاَنْتَ اَحْكَمُ الْحٰكِمِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार को मदद के लिए पुकारते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरा बेटा मेरे परिवार में से है जिसे बचाने का तूने मुझसे वादा किया है। और निःसंदेह तेरा वादा वह सत्य है, जो कभी भंग नहीं हो सकता। और तू सबसे अधिक न्याय करने वाला और सबसे अधिक जानने वाला शासक है।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• بيان عادة المشركين في الاستهزاء والسخرية بالأنبياء وأتباعهم.
• नबियों और उनके अनुयायियों का मज़ाक़ उड़ाने के बारे में उमुश्रिफों की आदत का वर्णन।

• بيان سُنَّة الله في الناس وهي أن أكثرهم لا يؤمنون.
• लोगों के बीच अल्लाह के नियम का वर्णन कि उनमें से अधिकांश विश्वास नहीं करते हैं।

• لا ملجأ من الله إلا إليه، ولا عاصم من أمره إلا هو سبحانه.
• अल्लाह से उसके सिवा कोई शरण स्थल (आश्रय) नहीं है, तथा उसके आदेश से उस महिमावान के सिवा कोई बचाने वाला नहीं है।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲