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ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫   ߟߝߊߙߌ ߘߏ߫:
قَالَ یٰنُوْحُ اِنَّهٗ لَیْسَ مِنْ اَهْلِكَ ۚ— اِنَّهٗ عَمَلٌ غَیْرُ صَالِحٍ ۗ— فَلَا تَسْـَٔلْنِ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— اِنِّیْۤ اَعِظُكَ اَنْ تَكُوْنَ مِنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
अल्लाह ने नूह से कहा : ऐ नूह़! तेरा वह बेटा जिसे बचाने के लिए तूने मुझसे प्रश्न किया है, वह तेरे परिवार में से नहीं है, जिसे मैंने बचाने का वादा किया है। क्योंकि वह एक काफिर है। ऐ नूह! तेरा यह प्रश्न तेरी ओर से एक अनुचित काम है और यह तेरी जैसी स्थिति वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। अतः तू मुझसे ऐसी चीज़ का प्रश्न न कर, जिसका तुझे कोई ज्ञान नहीं है। मैं तुझे चेतावनी देता हूँ कि कहीं तू अज्ञानियों में से न हो जाए और मुझसे ऐसी चीज़ का प्रश्न करे, जो मेरे ज्ञान और मेरी हिकमत के विपरीत है।
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قَالَ رَبِّ اِنِّیْۤ اَعُوْذُ بِكَ اَنْ اَسْـَٔلَكَ مَا لَیْسَ لِیْ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— وَاِلَّا تَغْفِرْ لِیْ وَتَرْحَمْنِیْۤ اَكُنْ مِّنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
नूह अलैहिस्सलाम ने कहा: ऐ मेरे पालनहार! मैं तेरी शरण चाहता हूँ इस बात से कि मैं तुझसे किसी ऐसी चीज़ का प्रश्न कर बैठूँ, जिसका मुझे कोई ज्ञान न हो। यदि तूने मेरा पाप क्षमा नहीं किया और मुझपर दया नहीं की, तो मैं उन क्षतिग्रस्त लोगों में से हो जाऊँगा, जिन्होंने आख़िरत में अपना भाग खो दिया।
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قِیْلَ یٰنُوْحُ اهْبِطْ بِسَلٰمٍ مِّنَّا وَبَرَكٰتٍ عَلَیْكَ وَعَلٰۤی اُمَمٍ مِّمَّنْ مَّعَكَ ؕ— وَاُمَمٌ سَنُمَتِّعُهُمْ ثُمَّ یَمَسُّهُمْ مِّنَّا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
अल्लाह ने नूह अलैहिस्सलाम से फ़रमाया : ऐ नूह! अब सुरक्षा और शांति के साथ तथा अल्लाह की ओर से ढेर सारी नेमतों के साथ नाव से धरती पर उतर जाओ, जो कि तुम पर और तुम्हारे साथ नाव में सवार मोमिनों के वंशजों पर हैं, जो तुम्हारे बाद आएँगे। जबकि उनके वंशजों से कुछ अन्य काफ़िर समूह भी होंगे, जिन्हें हम इस सांसारिक जीवन में लाभ देंगे और उन्हें जीवन-यापन की सामग्री प्रदान करेंगे। फिर आख़िरत में उन्हें हमारी ओर से दर्दनाक यातना का सामना होगा।
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تِلْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهَاۤ اِلَیْكَ ۚ— مَا كُنْتَ تَعْلَمُهَاۤ اَنْتَ وَلَا قَوْمُكَ مِنْ قَبْلِ هٰذَا ۛؕ— فَاصْبِرْ ۛؕ— اِنَّ الْعَاقِبَةَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
नूह अलैहिस्सलाम की यह कहानी ग़ैब की सूचनाओं में से है। हमारी इस वह़्य से पहले जो हमने आपकी ओर की है, (ऐ रसूल!) न आप इसे जानते थे और न ही आपकी जाति के लोग इसे जानते थे। अतः आप अपनी क़ौम की ओर से मिलने वाले कष्ट और उनके झुठलाने पर उसी प्रकार सब्र करें, जैसे नूह अलैहिस्लाम ने सब्र किया। निःसंदेह विजय एवं सफलता उन्हीं लोगों के लिए है, जो अल्लाह के आदेशों का पालन करते और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हैं।
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وَاِلٰی عَادٍ اَخَاهُمْ هُوْدًا ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا مُفْتَرُوْنَ ۟
और हमने आद की ओर उनके भाई हूद अलैहिस्सलाम को भेजा। उन्होंने उनसे कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अकेले अल्लाह की इबादत करो और उसके साथ किसी अन्य को साझी मत बनाओ। उसके सिवा तुम्हारा कोई सत्य पूज्य नहीं है। और तुम लोग अपने इस दावे में झूठे हो कि उसका कोई साझी है।
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یٰقَوْمِ لَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ اَجْرًا ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی الَّذِیْ فَطَرَنِیْ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं अपने पालनहार की ओर से तुम्हें उपदेश देने और उसकी ओर तुम्हें आमंत्रित करने का कोई मुआवज़ा नहीं माँगता। मेरा बदला केवल उस अल्लाह पर है, जिसने मुझे पैदा किया है। तो क्या तुम यह नहीं समझते और मेरे आह्वान को स्वीकार नहीं करते?
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وَیٰقَوْمِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ یُرْسِلِ السَّمَآءَ عَلَیْكُمْ مِّدْرَارًا وَّیَزِدْكُمْ قُوَّةً اِلٰی قُوَّتِكُمْ وَلَا تَتَوَلَّوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह से क्षमा माँगो, फिर अपने गुनाहों से - जिनमें से सबसे बड़ा शिर्क है - उसके समक्ष तौबा करो। वह उसके फलस्वरूप तुमपर बहुत बारिश बरसाएगा और तुम्हारे संतान और धन में वृद्धि करके तुम्हें अधिक शक्ति एवं सम्मान प्रदान करेगा। और मैं तुम्हें जिसकी ओर आमंत्रित कर रहा हूँ, उससे मुँह मत फेरो। अन्यथा तुम मेरे आह्वान से मुँह फेरने, अल्लाह के साथ कुफ्र करने और मेरी लाई हुई बात को झुठलाने के कारण, अपराधियों में से हो जाओगे।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
قَالُوْا یٰهُوْدُ مَا جِئْتَنَا بِبَیِّنَةٍ وَّمَا نَحْنُ بِتَارِكِیْۤ اٰلِهَتِنَا عَنْ قَوْلِكَ وَمَا نَحْنُ لَكَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
उनकी जाति के लोगों ने कहा : ऐ हूद! तुम हमारे पास कोई ऐसा स्पष्ट प्रमाण लेकर नहीं आए, जो हमें तुमपर ईमान लाने के लिए आमादा करे। और हम तुम्हारी बिना तर्क की बात पर अपने देवी-देवताओं की पूजा छोड़ने वाले नहीं हैं। तथा तुम जो अपने रसूल होने का दावा करते हो, उसमें हम तुमपर विश्वास नहीं कर रहे हैं।
ߊߙߊߓߎߞߊ߲ߡߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߟߎ߬:
ߟߝߊߙߌ ߟߎ߫ ߢߊ߬ߕߣߐ ߘߏ߫ ߞߐߜߍ ߣߌ߲߬ ߞߊ߲߬:
• لا يملك الأنبياء الشفاعة لمن كفر بالله حتى لو كانوا أبناءهم.
• नबियों को अल्लाह के साथ कुफ़्र करने वालों की सिफ़ारिश करने का अधिकार नहीं है, भले ही वे उनके बेटे हों।

• عفة الداعية وتنزهه عما في أيدي الناس أقرب للقبول منه.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले व्यक्ति का लोगों के हाथों में जो कुछ है, उससे पवित्र होना इस बात के अधिक योग्य है कि उसकी बात को स्वीकार किया जाए।

• فضل الاستغفار والتوبة، وأنهما سبب إنزال المطر وزيادة الذرية والأموال.
• क्षमा याचना और तौबा की विशेषता और यह कि वे बारिश के उतरने तथा संतान और धन में वृद्धि के कारण हैं।

 
ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌ߬ߘߊ߬ߟߌ ߝߐߘߊ ߘߏ߫: ߤߎ߯ߘߎ߫
ߝߐߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ ߞߐߜߍ ߝߙߍߕߍ
 
ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐ ߟߎ߬ ߘߟߊߡߌߘߊ - ߟߊߘߛߏߣߍ߲" ߞߎ߬ߙߣߊ߬ ߞߟߊߒߞߋ ߞߘߐߦߌߘߊ ߘߐ߫ ߤߌߣߘߌߞߊ߲ ߘߐ߫ - ߘߟߊߡߌߘߊ ߟߎ߫ ߦߌ߬ߘߊ߬ߥߟߊ

ߡߍ߲ ߝߘߊߣߍ߲߫ ߞߎ߬ߙߊ߬ߣߊ ߞߘߐߦߌߘߊ ߕߌߙߌ߲ߠߌ߲ ߝߊ߲ߓߊ ߟߊ߫

ߘߊߕߎ߲߯ߠߌ߲